WHF Geneva Protest Bangladeshi Minorities : बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना वहां भेजें !
जिनेवा (स्वितजरलैंड) में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की बैठक में ‘विश्व हिन्दू महासंघ’ की जोरदार मांग
जिनेवा (स्वितजरलैंड) – विश्व हिन्दू महासंघ के यूरोपीय अध्यक्ष दीपन मित्रा ने हाल ही में यहां अल्पसंख्यक मुद्दो पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के १७ वें सत्र में भाग लिया। इस बार उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं के चल रहे नरसंहार की जानकारी दी और संयुक्त राष्ट्र संघ से उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग की ।
मित्रा ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि ‘बांग्लादेश में २ करोड ८० लाख हिन्दू अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तुरंत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को बांग्लादेश भेजा जाए । ‘ इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निंदा करनी चाहिए और इस संबंध में बांग्लादेश पर दबाव भी बनाना चाहिए, ऐसी अपील उन्होंने विश्व हिंदू महासंघ की ओर से की । यह जानकारी खुद मित्रा ने ‘सनातन प्रभात’ को दी है ।
१. संयुक्त राष्ट्र के इस सत्र में अध्यक्ष अनास्तासिया क्रिकल थीं, जबकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ओमर झनिबर, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विभाग के अध्यक्ष वोल्कर तुर्क, साथ ही प्रो. निकोलस लेवरात सह-अध्यक्ष थे।
२. इस अवसर पर बांग्लादेश में समस्याओं, चुनौतियों और बाधाओं की पहचान करने पर भी चर्चा की गई।
३. इस बैठक में ‘वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन’ के साथ ‘पीस फाउंडेशन यूके’, ‘इंटरनेशनल सेक्युलर मूवमेंट यूके’, ‘ग्लोबल हिंदू कोलेशन’, ‘सनातन एसोसिएशन लंदन’, ‘परबत्ता चटगांव जनसंहती समिति’, ‘सेक्युलर मूवमेंट यूके’, ‘बांग्लादेश ईसाई एसोसिएशन यूरोप ‘इन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों का तथ्यात्मक वर्णन प्रस्तुत किया ।
४. जिनेवा में ‘बांग्लादेश मिशन’ के एक प्रतिनिधि ने इस बात से इनकार किया कि बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है। दीपन मित्रा ने वहां हिन्दुओं पर अत्याचार की खबरों का हवाला दिया और उनकी कड़ी निंदा की ।
जिनेवा शहर में ऐतिहासिक ‘ ब्रोकन चेअर ‘ पर हिन्दूओ द्वारा आंदोलन !फ्रांस से जेनेवा पहुंचे दीपन मित्रा ने वहां ३ कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया । यह कार्यक्रम बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध अत्याचार की घटनाओं पर ‘बांग्लादेश अल्पसंख्यक गठबंधन और राष्ट्रीय मानवाधिकार जिनेवा’, ‘ग्लोबल तमिल मूवमेंट’ और ‘मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र आयोग’ द्वारा आयोजित किया गया था। जिनेवा में ‘ब्रोकन चेयर’ के सामने हिन्दुत्व संगठनों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध मानव श्रृंखला और विरोध मार्च का आयोजन किया । इस मौके पर विरोध के नारों से इलाका गूंज उठा । इस मौके पर वक्ताओं ने अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमले, मठ-मंदिरों में तोडफोड को लेकर बांग्लादेशी सेना व प्रशासन की निष्क्रियता की कड़ी निंदा की । हर कोई इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को लेकर चिंतित था। उनकी जेल से बिना शर्त रिहाई की मांग की गई । |
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध विश्व मंच पर प्रयास कर रहे ‘विश्व हिन्दू महासंघ’ को बधाई ! भारत में अधिकांश हिन्दू ऐसे समय में निष्क्रिय रहते हैं, यह भारत के लिए शर्म की बात है ! |