Bangladeshi Hindus Arrest Over Lawyer Killing : बांग्लादेश में अधिवक्ता सैफुल की हत्या के प्रकरण में ३० हिन्दुओं को बंदी बनाया गया

भारी मात्रा में हिन्दुओं पर छापा मार कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है ।

ढाका (बांग्लादेश ) – बांग्लादेश के चितगाव में हिन्दुओं द्वारा चिन्मय प्रभु को बंदी बनाने के विरोध में चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन के समय अधिवक्ता सैफुल की हत्या हुई । इस हत्या के लिए हिन्दुओं काे उत्तरदायी ठहराते हुए पुलिसद्वारा हिन्दुओं की गिरफ्तारी आरभ हो गई है । अब तक ३० से अधिक हिन्दुओं को बंदी बनाया गया है । इसमें ६ अधिवक्ता भी सम्मिलित हैं । उन पर आरोप लगाया गया है कि वे लोगों कों तोडफोड करने हेतु भडकाते हैं । पुलिस द्वारा इस गिरफ्तारी के कारण हिन्दुओं में भय का वातावरण है ।

चितगा‍व में मुसलमानों द्वारा बदला लेने की धमकी

चितगाव के हजारी लेन में रहनेवाले एक युवक ने बताया कि यहां मुसलमानों द्वारा उजागर रूपसे शस्त्र दर्शाए जा रहे हैं । धर्मांध मुसलमानों के समूह धार्मिक घोषणा देते हुए बदला लेने की धमकी दे रहे हैं ।

चितगाव में हिन्दूबहुल परिसर में रहनेवालेे एक हिन्दू ने बताया कि २६ न‍ंवंबर की रात्रि से पुलिस छापामारी कर रही है । पुलिसकर्मियों के साथ धर्मांध मुसलमान यु‍वक भी हैं । ये युवक लोगों के घरों से संकेत कर ‘छापा कहांं मारना हैै ’, पुलिसकर्मियों काे बता रहे हैं । शेख हसीना सरकार गिरने के पश्चात इन धर्मांधों का लक्ष्य था अवामी लीग के लोग । नई सरकार ने शेख हसीना की अवामी लीग को लगभग समाप्त कर दिया है तथा अब हिन्दुओं काे लक्ष्य कि‍या जा रहा है ।

जमात-ए-इस्लामी तथा बांग्लादेश नैशनल पार्टी की बैठकों के कारण हिंसा बढने की संभावना

जमात-ए-इस्लामी एवं भूतपूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नैशनल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने २७ नवंबर को अनेक नगर में बैठकें आयोजित कीं । चितगाव प्रकरण के पश्चात इन पक्षों ने प्रत्त्युत्तर में कार्यवाही करने की रणनीति बनाई है । हिन्दूबहुल परिसर में आक्रमण तीव्र करने का षड्यंत्र रचाया गया है । यूनुस सरकार पर कडी कार्यवाही हेतु इन पक्षों ने दबाव डाला है । इसलिए गिरफ्तारी बढ कर हिंसा बढने का भय व्यक्त हो रहा है ।

संपादकीय भूमिका 

बांग्लादेश में अगस्त माह से हिन्दुओं पर अत्याचार होते हुए भी भारत सरकार द्वारा कडे कदम न उठाना हिन्दुओं काे अपेक्षित नहीं । विश्व के सभी हिन्दू ‘एक हैं तो सेफ हैं’ (संगठित हैं, तो सुरक्षित रहेंगेे) इसकी प्रतीति बांग्लादेश के हिन्दुओं काे कब आएगी ? ऐसा प्रश्न उपस्थित होता है !