प्रोफेसर ने छात्रों को तिलक लगाने और ‘जय श्री राम’ बोलने से रोका !

  • राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) की घटना ।

  • छात्रों तथा हिन्दू समर्थक संगठनों का विरोध !

शिमला (हिमाचल प्रदेश) – राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के छात्रों ने राज्य के कांगडा  जिले के बलाहार में विरोध प्रदर्शन किया। संस्थान के एक प्रोफेसर द्वारा छात्रों को माथे पर तिलक लगाने और ‘जय श्री राम’ का उद्घोष लगाने से रोकने पर छात्र भडक गए । इस घटना को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे । छात्रों को यहां विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के हिन्दू कार्यकर्ताओं ने भी समर्थन दिया है।

१. छात्रों ने इससे पहले संस्थान के निदेशक इसकी आपत्ति प्रो. सत्यम कुमारी से की । उन्होंने इस मामले की जांच अनुशासन समिति से करने को कहा था ।

२. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि किस प्रोफेसर ने छात्रों को धर्म का पालन करने से रोका था।

३. संबंधित प्रोफेसर ने कहा कि ‘जय श्री राम’ कहना राजनीतिक है । प्रोफेसर के इस बयान से छात्रों में आक्रोश है । उन्होंने प्रोफेसर पर दुर्व्यवहार और भेदभाव का भी आरोप लगाया है ।

४. विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच और ब्राह्मण सभा जैसे अन्य हिन्दू समर्थक संगठनों ने संस्थान के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करते हुए भगवान श्री राम के भजन भी गाए।

५. संस्थान के प्रो. कुमारी ने कहा कि हमें छात्रों की आपत्ति मिली है और एक अनुशासनात्मक समिति का गठन किया गया है । प्रोफेसर और छात्रों दोनों को समिति के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। प्रोफेसरों को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है ।

संपादकीय भूमिका 

यदि ‘जय श्री राम’ का उद्घोष राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में नहीं दिया जाएगा तो फिर ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया’ या ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ में दिया जाना चाहिए क्या ? हिन्दुओं के देश में उन्हें हिन्दू धर्म के अनुसार आचरण न करने देना, यह अपमानजनक है !