‘वोट जिहाद’ को हिन्दुओ द्वारा कडा उत्तर ; महाराष्ट्र में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत !

मुंबई – लोकसभा चुनाव में यह बात सामने आई कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मुसलमानों ने मिलकर महागठबंधन के उम्मीदवारों को हराने के लिए वोट किया ; लेकिन विधानसभा चुनाव में हिन्दुओं ने ‘वोट जिहाद’ का कड़ा जवाब दिया । हिन्दुओं ने भारी संख्या में मतदान कर महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिया । विधानसभा चुनाव में २८८ में से २२४ सीटों पर विजय मिली , जो महाराष्ट्र की राजनीति के इतिहास में महायुति का अब तक का सबसे बड़ा बहुमत है । यह स्पष्ट है कि हिन्दुओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक है, तो सुरक्षित है’ (एक साथ, हम सुरक्षित रहेंगे) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ (अगर हम विभाजित होंगे तो काटे जायेगे ) इस आवाहन को हिन्दुओने भरभरके प्रतिसाद प्रतिक्रिया दिया । इसके विपरीत, राज्य में महाविकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।

महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना एवं एनसीपी ने महागठबंधन के रूप में चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार और उद्धव बाला साहेब ठाकरे की पार्टी ने महा विकास अघाड़ी के रूप में चुनाव लडा । विभिन्न जनमत सर्वेक्षणों के पूर्वानुमानों के विपरीत इस चुनाव में महागठबंधन को भारी और ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई। शिवसेना के विभाजन के बाद लोगों ने इन प्रश्नों का उत्तर दे दिया है कि ‘क्या मतदाता एकनाथ शिंदे को वोट देंगे या उद्धव ठाकरे को समर्थन देंगे ? ‘, और ‘क्या मतदाता राष्ट्रवादी कांग्रेस के रूप में शरद पवार या अजीत पवार को समर्थन देंगे ?’ इस चुनाव से पता चला कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे के प्रति सहानुभूति की लहर समाप्त हो गई है ।

वोटिंग पर हिन्दू वोटों का असर !

लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मालेगांव, धुले, मुंबई आदि जिलों के १४ निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम वोटों का बहुमत मिला ; लेकिन इस विधानसभा चुनाव में हिन्दू वोटों का प्रभाव देखने को मिला ।

फेक नैरेटिव पर ‘एक है, तो सेफ है’ की जीत!

महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव में ‘ झुटा नैरेटिव’ फैलाया था कि ‘अगर बीजेपी देश में बहुमत में आई तो संविधान बदल दिया जाएगा ‘. महायुति इसकी चपेट में आ गई । विधानसभा चुनाव में इसका असर न पड़े, इसके लिए महायुति ने राज्य में ‘संवैधानिक जागरूकता ‘ अभियान चलाया । ‘एक है, तो सेफ है’ (एक साथ, हम सुरक्षित रहेंगे) और ‘बटेंगे तो कटेंगे’ (अगर हम बंटेंगे, तो हम कटेंगे) की अपील ने इस चुनाव में ,’ झुठे आख्यान ‘ पर काबू पा लिया है।

ढाई साल के काम के कारण जनता ने खूब वोट दिये ! – एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री

मुंबई – प्यारी बहनों, प्यारे भाइयों, प्यारे बुजुर्गों, प्यारे किसानों आदि समाज के सभी वर्गों ने महायुति को वोट दिया। यह महायुति द्वारा ढाई साल में किये गये कार्यों की स्वीकृति है। जनता के विश्वास के कारण हमारा दायित्व बढ़ा है ।। हम आने वाले समय में कड़ी मेहनत करेंगे ।

आओ मिलकर लें मुख्यमंत्री का निर्णय !

यह तय नहीं हुआ है कि ‘जिसके पास ज्यादा सीटें होंगी वही मुख्यमंत्री होगा । ‘ एकनाथ शिंदे ने कहा, आइए मुख्यमंत्री पद के लिए संयुक्त निर्णय लें ।

राज्य में मुख्य विजयी उम्मीदवार !

१. श्री एकनाथ शिंदे (शिवसेना)

२. श्री देवेन्द्र फड़णवीस (भाजपा)

३. श्री अजित पवार (राष्ट्रीय कांग्रेस)

४. श्री मंगलप्रभात लोढ़ा (भाजपा)

५. श्री भरतशेठ गोगवले (शिवसेना)

६. श्री अतुल भोसले (भाजपा)

प्रमुख हारने वाले उम्मीदवार !

१. पृथ्वीराज चव्हाण (कांग्रेस)

२. बालासाहेब थोरात (कांग्रेस)

३. बच्चू कडु ( प्रहार )

हम आधुनिक अभिमन्यु हैं ; चक्रव्यूह को भेदा ! – देवेंद्र फड़नवीस

हमने कहा है कि हम आधुनिक अभिमन्यु हैं और हमने (विरोधियों द्वारा बनाई गई) चक्रव्यूह को तोड़ दिया है। हम विपक्षी दल से चुने गए लोगों का सम्मान करेंगे।’ यह उन सभी संगठनों की जीत है जो झुठे आख्यान के विरुद्ध लड़ रहे हैं जो लोकसभा चुनाव में साबित हुआ।

उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़वानीस ने ट्वीट किया है, ‘एक है तो सुरक्षित है, मोदी है तो मुमकिन है,’ ( एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे , मोदी है तो मूमकी न है ।)

‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ‘ महायुति सरकार का ‘ सूत्रधार’ !

लोकसभा चुनाव के मतदान से २ दिन पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बयान दिया था कि ‘अब हमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जरूरत नहीं है ।’ नतीजा यह हुआ कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं हुए । हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच एक समन्वयक की नियुक्ति की गई थी। हजारों संघ कार्यकर्ता राज्य में हिन्दू समर्थक उम्मीदवारों को वोट देने के लिए काम कर रहे थे। इसलिए, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ राज्य में महागठबंधन के सत्ता में आने का सूत्रधार बन गया है।

२५ नवंबर को वानखेड़े स्टेडियम में होगा शपथ समारोह !

मुंबई – महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह २५ नवंबर को यहां के वानखेड़े स्टेडियम में होना तय हुआ है। इस कार्यक्रम के प्रारंभ होने का प्रमाण समझा जाता है।

शपथ ग्रहण समारोह की खबर के साथ ही हर किसी को यह जानने की उत्सुकता है कि अब मुख्यमंत्री कौन होगा ? उस संबंध में चर्चा की जा रही है । कई लोगों द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फड़णवीस की सिफारिश की जा रही है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी के देवेन्द्र फड़णवीस मुख्यमंत्री बनेंगे या एकनाथ शिंदे दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे और फड़णवीस के साथ अजित पवार उपमुख्यमंत्री होंगे ।