Bulldozer On Kashmiri Hindus Shops : जम्मू में प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के १० हिन्दू दुकानों पर बुलडोजर चला दिया !

जम्मू (जम्मू-कश्मीर) – जम्मू विकास प्राधिकरण द्वारा २० नवंबर को शहर के मुठी कैंप के पास विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं की दुकानों को तोड़े जाने के बाद से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ओर से बिना किसी पूर्व सूचना के दुकानें तोड़ दी गईं। इन दुकानों का निर्माण ३ दशक पहले विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं ने किया था।

१. अधिकारियों का कहना है कि ये दुकानें हमारी भूमि पर बनी हैं । आयुक्त अरविंद कारवानी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र में उनके लिए नई दुकानें बनाई जाएंगी। ये दुकानें प्राधिकरण की भूमि पर थीं। ‘राहत’ संस्था ने मुठी कैंप फेज-२ में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए टेंडर निकाला है। शीघ्र ही १० दुकानें बनाकर इन दुकानदारों को आवंटन कर दिया जाएगा।

२. दुकान के मालिक कुलदीप किसरू ने कहा कि बेहतर सुविधाओं और वित्तीय सहायता के साथ हमें जीवित रहने में सहायता करने के बजाय, सरकार ने हमारी दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर हमारी आजीविका छीन ली है।

३. दुकानदार जवालाल भट्ट ने कहा कि जब वे पूरी तरह से इन दुकानों से होने वाली आय पर निर्भर हैं तो परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा ? हम उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने और हमें न्याय दिलाने का अनुरोध करते हैं ।

४. एक अन्य दुकानदार जवाहर लाल ने तोड़फोड़ को ‘गुंडागर्दी’ करार दिया । उन्होंने कहा , ” दुकानें गिराने से पहले हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। ”

संपादकीय भूमिका 

  • ध्यान दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि में अपराधियों के अनाधिकृत निर्माणों को नोटिस देकर गिराने पर आपत्ति जताने वाले तथाकथित पाखंडी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल अब निर्दोष हिंदुओं की दुकानें बिना नोटिस तोड़े जाने पर चुप हो जाते हैं !
  • जब सर्वोच्च न्यायालय ने बिना नोटिस के किसी भी निर्माण को न तोड़ने का आदेश दिया है, तब जम्मू प्रशासन इस तरह की कार्यवाही करता है, इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार द्वारा जानबूझकर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है !