अपने लोगों को एक साथ लाने के लिए ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का आह्वान करने में अनुचित क्या है ? – एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री
मुंबई – कांग्रेस ने ‘फर्जी नैरेटिव’ प्रसारित करके वोटों का विकेंद्रीकरण किया, फिर अपने लोगों से ‘बटेंगे तो कटेंगे’ एकजुट होने की अपील की, इसमें अनुचित क्या हुआ ? यह प्रश्न मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने १७ नवंबर को न्यूज चैनल ‘एबीपी माझा’ को दिए इंटरव्यू में उठाया था । एकनाथ शिंदे ने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आवाहन के रूप में किया गया है ।
‘क्या माहिम निर्वाचन क्षेत्र में अमित ठाकरे के विरुद्ध उम्मीदवार उतारने से राज ठाकरे के साथ मतभेद पैदा हो गया है ?’ इस प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज ठाकरे और शिवसेना के बीच कोई मतभेद या मनमुटाव नहीं है। कुछ चर्चाएं समय पर होनी चाहिए थीं । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ऐसा नहीं किया; लेकिन ये सिर्फ चुनाव के लिए है । चुनाव के बाद वातावरण स्पष्ट हो जायेगा ।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा, ”मराठा समुदाय के आरक्षण को लेकर महायुति की स्थिति आरंभ से ही स्पष्ट रही है । मराठा-कुनबी प्रमाणपत्र के लिए हमारी सरकार ने शिंदे समिति का गठन किया और इसके लिए आवश्यक जानकारी एकत्र की। मराठा समुदाय को १० प्रतिशद आरक्षण मिला । हमारा स्पष्ट रुख है कि मराठा समुदाय को न्याय देते समय अन्य पिछड़े समुदायों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। यह हमारी स्थिति नहीं है कि मन में एक है और कार्य अलग-अलग हैं।