आक्रांताओं द्वारा ध्वस्त किए गए सभी मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए ! – अधिवक्ता विष्णु जैन, सर्वोच्च न्यायालय तथा प्रवक्ता, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

  • हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से रांची (झारखंड) में हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन

  • ७० संगठनों के २०० हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं ने लिया उत्साहपूर्ण सहभाग

अधिवेशन में ‘सनातन पंचांग’ का लोकार्पण करते हुए (बाएं से) पू. (अधिवक्ता) रवींद्र घोषजी, स्वामी निर्गुणानंद पूरीजी, पू. डॉ. शिबनारायण सेनजी, पू. प्रदीप खेमकाजी

रांची (झारखंड) – हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां कुछ ही दिन पूर्व हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन किया गया । इस अधिवेशन में धर्मांतरण, भूमि जिहाद, वक्फ बोर्ड कानून १९९५, प्रार्थनास्थल कानून १९९१ जैसी हिन्दू समाज पर आघात कर रही समस्याओं के समाधान के विषय पर विचारमंथन किया गया । इसमें काशी एवं मथुरा के मंदिर, भोजशाला तथा कुतुबमिनार इनसे संबंधित न्यायालयीन अभियोग की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की रूपरेखा, अल्पसंख्यक की परिभाषा कैसी की जाने चाहिए ? आदि विषयों पर विचारमंथन किया गया । घुसपैठ के माध्यम से जनसंख्या बढाने हेतु चल रहे षड्यंत्र के विरुद्ध कानूनी रूपरेखा तैयार की गई, ऐसी जानकारी सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता तथा ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता विष्णुशंकर शंकर जैन ने पत्रकारों को दी ।

रांची में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’के उपलक्ष्य में स्थानीय ग्रीन होराइजन में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा हेतु कार्यरत ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’के संस्थापक अधिवक्ता रवींद्र घोष, विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड प्रांत अध्यक्ष श्री चंद्रकांत रायपत, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस तथा हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं ईशान्य भारत के राज्य समन्वयक श्री. शंभू गवारे उपस्थित थे ।

शास्त्र धर्मप्रचार सभा के पू. (डॉ.) शिवनारायण सेन ने हिन्दू धर्म का अर्थ समझाते हुए कहा, ‘‘जो स्वयं में विद्यमान रज एवं तमोगुणों का नाश करता है, वह हिन्दू है ! हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में हमें गोप-गोपिकाओं की भांति केवल लाठियां लगानी हैं ।’’ विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड प्रांत के अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत रायपत ने कहा, ‘‘सनातन हिन्दू समाज को सशक्त बनाने हेतु जो कुछ कार्य किया जाएगा, उस कार्य का हम सदैव समर्थन करेंगे ।’’

बांग्लादेश के हिन्दुओं की सहायता हेतु भारतीय लोग आगे आएं ! – (पू.) अधिवक्ता रवींद्र घोषजी, संस्थापक, बांगलादेश माइनॉरिटी वॉच

(पू.) अधिवक्ता रवींद्र घोषजी

बांग्लादेश में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं । वहां के हिन्दुओं पर सामूहिक बलात्कार, हत्याएं, बलपूर्वक धर्मांतरण, हिन्दुओं की संपत्ति की लूट जैसे विभिन्न प्रकार के अत्याचार हो रहे हैं । ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र महासंघ, मानवाधिकार संगठन, बांग्लादेश सरकार अथवा सेना की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलता; इसलिए अब बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए भारतीय जनता को आगे आना पडेगा, अन्यथा बांग्लादेश में १ करोड ५० लाख हिन्दुओं का वंशविच्छेद होगा ।

केंद्र सरकार बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा करें ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

चेतन राजहंस

वर्तमान स्थिति में बांग्लादेश की सुरक्षा हेतु समय रहते ही कदम उठाए जाए, यह हमारा केंद्र सरकार को आग्रहपूर्ण निवेदन है, साथ ही मंदिर संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व है । अतः मंदिर मुक्ति आंदोलन को हमारा संपूर्ण समर्थन है ।

हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में बांग्लादेश, झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ तथा ओडिशा के संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति !-  शंभू गवारे, राज्य समन्वयक, पूर्व एवं ईशान्य भारत

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो तथा हिन्दूहित के उपक्रमों को गति मिले; इसलिए इस अधिवेशन’ का आयोजन किया गया । इस अधिवेशन में बांग्लादेश, झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ एवं ओडिशा के ७० से अधिक संगठनों के २०० से अधिक प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, संतों, मंदिर न्यासियों, उद्योगपतियों, पत्रकारों एवं संपादकों ने भाग लिया । सभी हिन्दुत्वनिष्ठ एकत्र आए तथा उससे हिन्दू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’की स्थापना की गई है ।