Air India Stops Halal Meals : एयर इंडिया की फ्लाइट में अब हिन्दू तथा सिख यात्रियों को नहीं दिया जाएगा हलाल प्रमाणित भोजन !
नई दिल्ली – टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन एयर इंडिया ने अपनी उड़ानों में हिन्दू तथा सिख यात्रियों को ‘हलाल’ प्रमाणित भोजन नहीं देने का निर्णय लिया है ।
Time not to celebrate, but to steer upon!
It is really pathetic that Hindus were forced to eat Halal food for all these years. Air India should be taken to task for that.
We should leave no stone unturned to undo every other injustice done on the Sanatanis by their very own… https://t.co/au8LrsGQ0H
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 11, 2024
इससे पूर्व १७ जून को तमिलनाडु के विरुधुनगर से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने धर्म के आधार पर भोजन का वर्गीकरण करने के लिए एयर इंडिया की आलोचना की थी । उन्होंने एयर इंडिया के संकेतस्थल का छाया चित्र पोस्ट किया और प्रश्न उठाया, हिन्दू अथवा मुसलमान भोजन, यह क्या है ?’ इसके साथ ही उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की और प्रश्न पूछा, ‘क्या एयर इंडिया को संघ वालों ने नियंत्रण में ले लिया है ?’ (इससे फिर पता चलता है कि कांग्रेसियों को हिन्दू द्वेष तथा मुस्लिम प्रेम व्यक्त किए बिना चैन नहीं पड़ता ! – संपादक)
Hindu and Sikh passengers will no longer be served Halal certified meals on Air India planes!
Why only Air India? A similar decision should be made across all aviation establishments, as well as government transport systems such as railways, buses, etc.#AirIndia #halal pic.twitter.com/mPyic4NSr9
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 11, 2024
हलाल प्रमाणित क्या है ?
इस्लाम के अनुसार ‘हलाल’ का अर्थ है जो वैध है । पहले ‘हलाल’ केवल मांस तक ही सीमित था; लेकिन अब क्योंकि धर्मांध अपनी स्वतंत्र अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं, इसलिए विभिन्न बातों जैसे घरेलू सामान, दवाएं, सौंदर्य प्रसाधन आदि को ‘हलाल’ प्रमाणपत्र संक्षेप में ‘यह इस्लाम के अनुसार प्रमाणित है’ का प्रमाणपत्र लेना होगा । उसके लिए कुछ इस्लामिक संगठन काम कर रहे हैं । उनके द्वारा स्वीकृत प्रमाणपत्र को ‘हलाल प्रमाणपत्र’ कहा जाता है ।
संपादकीय भूमिकाएयर इंडिया ही क्यों ? इस प्रकार का निर्णय सभी विमानन प्रतिष्ठानों, साथ ही रेलवे, बस आदि जैसी सरकारी परिवहन संस्थाओं में भी किया जाना चाहिए । |