वैचारिक युद्ध लडकर हिन्दू पुनरुत्थान संभव ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

देहली में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘कथनात्मक युद्ध एवं हिन्दू पुनरुत्थान’ कार्यक्रम !

कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते बाईं ओर से सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक, सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी एवं श्री. उदय माहुरकर

नई देहली : वर्तमान में हिन्दू धर्म के विरुद्ध विश्व स्तर पर दुष्प्रचार किया जा रहा है । यह दुष्प्रचार मुख्य रूप से भारतीय जीवनशैली, हिन्दू संस्कृति, विभिन्न भाषाओं, हिन्दू अनुष्ठान, हिन्दू त्योहार, उत्तर भारत-दक्षिण भारत इत्यादि के संबंध में होता है । ऐसे घातक प्रचार के कारण वर्तमान में सैनिकों पर पथराव करनेवालों को ‘निर्दाेष युवा’ के रूप में देखा जाता है । उसके कारण उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होती । ईद के दिन दी जानेवाली बकरों की कुरबानी का विरोध नहीं होता; परंतु पशुबलि का विरोध किया जाता है । दीपावली में पटाखे जलाने से प्रदूषण होता है; किंतु २५ दिसंबर एवं ३१ दिसंबर को प्रदूषण नहीं होता । इस दुष्प्रचार के विरुद्ध वैचारिक युद्ध लडकर हिन्दुओं का पुनरुत्थान संभव है, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां ऐसा मार्गदर्शन किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से देहली में ‘कथनात्मक युद्ध एवं हिन्दू पुनरुत्थान’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । उसमें वे ऐसा बोल रहे थे । १९ अक्टूबर को संपन्न इस कार्यक्रम में २० से भी अधिक देशभक्त विचारकों ने अपने विचार रखे तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य की बाधाएं दूर करने हेतु ‘वैचारिक युद्ध लडकर ही हिन्दुओं का पुनरुत्थान संभव है’, इस सूत्र पर विचारमंथन किया । इस कार्यक्रम में लेखक एवं उद्योगपति श्री. संक्रांत सानू, सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, अधिवक्ता विनीत जिंदल, श्रीमती नीरा मिश्रा आदि उपस्थित थे ।

भारत विश्व का प्रथम ‘विकृत सामग्री मुक्त देश’ बनना चाहिए ! – उदय माहुरकर, भारत के पूर्व सूचना आयुक्त

‘ओटीटी के दुष्परिणाम तथा हिन्दू संगठनों का दायित्व’ विषय पर मार्गदर्शन करते समय ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के संस्थापक, लेखक, इतिहासकर्ता तथा भारत के पूर्व सूचना आयुक्त श्री. उदय माहुरकर ने कहा कि फिल्मों तथा वेब सीरिज के माध्यम से हिन्दू देवताओं का उपहास किया जाता है । भारत के हिन्दू राष्ट्र बनने में २ प्रमुख बाधाएं हैं – कट्टर जिहादी मानसिकता एवं ओटीटी माध्यम । भारत में किए अनेक सर्वेक्षणों से ऐसा दिखाई देता है कि ओटीटी के दुष्परिणामों के कारण बलात्कार की घटनाएं बढ गई हैं । यह सब टालने हेतु भारत को अश्लील जालस्थलों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए तथा भारत विश्व का विकृत सामग्री-मुक्त देश बनना चाहिए । अश्लीलता फैलानेवालों को १० से २० वर्षाें के कारावास के दंड का प्रबंध होना चाहिए ।

उपस्थित हिंदुत्वनिष्ठ

जिन्होंने हमें लज्जित किया, उन्हें हम ‘महात्मा’ कहते हैं ! – मधु पूर्णिमा किश्वर, प्रसिद्ध शिक्षाविद

प्रसिद्ध शिक्षाविद तथा ‘मानुशी’ पत्रिका की संपादक मधु पूर्णिमा किश्वर ने कहा कि हिन्दू समाज के विरुद्ध वैचारिक युद्ध चलाया जाना बहुत पुरानी परंपरा है । बंदूक एवं तलवार के बल पर तथा वैचारिक युद्ध के माध्यम से धर्मांतरण हुआ है । हिन्दुओं की परंपराओं की कुरीतियां उजागर की गईं तथा उनके विषय में लिखा गया; परंतु अन्य धर्माें में चल रहे दुष्कृत्यों का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया । जिन्होंने हमें लज्जित किया, उन्हें हम ‘महात्मा’ कहते हैं ।

कानून घुसपैठ के लिए नहीं, अपितु भ्रष्टाचार के विरोध में बनना चाहिए ! – अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि भारत की किसी भी समस्या का समाधान असंभव नहीं है; क्योंकि ये मानव-निर्मित समस्याएं हैं । भारत में झूठे प्रमाणों के आधार पर अनेक झूठे अभियोग चलाए जाते हैं; इसलिए झूठ बोलना गंभीर अपराध घोषित किया जाए । प्रत्येक साक्ष्यकर्ता के लिए ‘नार्को’ एवं ‘पॉलीग्राफी ब्रेन मैपिंग’ परीक्षण अनिवार्य किए गए, तो उससे छद्म अभियोग अल्प होंगे । भारत में गैरकानूनी कृत्यों के लिए दंड नहीं है । भारत में भ्रष्टाचार के कारण अवैध घुसपैठों को बचाने हेतु आवश्यक सभी कागदपत्र (डॉक्यूमेंट्स) तैयार किए जाते हैं; इसलिए घुसपैठ के लिए नहीं; अपितु भ्रष्टाचार के विरुद्ध कानून बनना चाहिए ।