कर्नाटक में महांतेश्वर मठ की भूमि के ‘वक्फ भूमि’ के रूप में पंजीकरण के विरोध में आंदोलन के बाद पंजीकरण निरस्त !
बेंगलुरू (कर्नाटक) – सेडम तालुक के थोटनल्ली गाँव में महांतेश्वर मठ के श्री (डॉ.) शिवमूर्ति शिवाचार्य स्वामी की ५.२४ एकड़ भूमि के पंजीकरण में वक्फ का नाम पाया गया। इससे क्रोधित भक्तों ने इसके विरोध में आंदोलन किया। इसके बाद इस भूमि को वक्फ के रजिस्टर से हटा दिया गया।
१. श्री (डॉ.) शिवमूर्ति स्वामी ने थोटनल्ली गाँव से सेडम के सहायक आयुक्त कार्यालय तक लगभग २० किलोमीटर की पदयात्रा निकाली। कार्यालय पहुँचने पर प्रशासन की ओर से पंजीकरण से वक्फ का नाम हटाने की जानकारी स्वामीजी को दी गई। इससे सभी को आश्चर्य हुआ।
२. इस पर स्वामीजी ने कहा कि उनके मठ की भूमि के रजिस्टर से वक्फ का नाम हटाना ही पर्याप्त नहीं है। तालुक के जिन किसानों के नाम रजिस्टर में सम्मिलित किए गए हैं, उन्हें भी हटाया जाना चाहिए।
३. इस पर अधिकारियों ने बताया कि यदि उन्हें इसे स्थायी रूप से हटाना है, तो हम वक्फ न्यायालय आयोजित करेंगे और वक्फ का नाम हटा देंगे। यह प्रक्रिया २० दिनों या एक माह में पूरी हो जाएगी। इस आश्वासन के बाद आंदोलन को स्थगित कर दिया गया, जैसा कि स्वामीजी ने घोषणा की।
संपादकीय भूमिकाकर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होने के कारण हिन्दुओं के मठ एवं मंदिरों की भूमि को ‘वक्फ भूमि’ घोषित किया जा रहा है। इसका हिन्दुओं को संगठित होकर विरोध करना आवश्यक है ! |