Vishwamitra Bharat : हालाँकि कुछ देश अधिक जटिल हैं, फिर भी भारत ‘विश्व मित्र’ बनना चाहता है ! – डॉ. एस. जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

नई देहली – कुछ वैश्विक साझेदार देश विश्व के अन्य देशों की तुलना में अधिक जटिल हो सकते हैं; क्योंकि वे सदैव आपसी सम्मान की संस्कृति या राजनयिक शिष्टाचार की परंपरा को साझा नहीं करते हैं ,ऐसे शब्द में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बिना किसी देश का नाम लिए आलोचना की । चर्चा है कि यह आलोचना अमेरिका, कनाडा और चीन पर की गई है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘भारत का ‘विश्व मित्र’ बनने का उद्देश्य विश्व भर में मित्रता को बढ़ावा देना है।’ डॉ. जयशंकर दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

 डॉ.एस. जयशंकर ने कहा,

१. भारत खुद को एक वैश्विक मित्र के रूप में स्थापित करना चाहता है और अधिक से अधिक देशों के साथ मित्रता स्थापित करना चाहता है। आज की उभरती बहुशक्तिशाली विश्व में ‘विशेष मित्रता’ (कुछ देशों के साथ मित्रता) अब अलग-थलग नहीं रह गई है। ऐसी मित्रता के विकास के पीछे सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक कारण हैं। दुनिया के साथ जुड़ने की भारत की क्षमता उसके आत्मविश्वास में योगदान करती है।

२. हमने अपने घरेलू विषयों पर समय-समय पर प्रतिक्रियाएं देखी हैं। यद्यपि, अन्य पार्टियों (देशों) को शायद ही कभी समान शिष्टाचार दिया जाता है। एक के लिए स्वतंत्रता का अर्थ दूसरे के लिए हस्तक्षेप हो सकता है। तथ्य यह है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता जैसे संवेदनशील विषयों पर भागीदारी संबंधों के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण कारक बन जाते हैं।