Dhirendra Krishna Shashtri : दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का षड्यंत्र रचा जाता है; लेकिन बकरी ईद के बारे में कोई बात नहीं करता ! – पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री

छतरपुर (मध्य प्रदेश) – दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का षड्यंत्र ; लेकिन बकरी ईद पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाता ?, ऐसे शब्दों से यहां बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्र ने हिंदूद्रोहियों पर हमला बोला। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दिवाली पर पटाखों पर बंदी की मांग पर प्रतिक्रिया दी ।

पंडित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री द्वारा प्रस्तुत सूत्र

१. यह देश का दुर्भाग्य है कि जब सनातन हिंदू धर्म के त्योहार आते हैं तो कुछ लोग सविनय अवज्ञा की बात करते हैं, कुछ पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं, कुछ कहते हैं कि तेल के दीपक जलाने से कितने गरीबों का भला होगा ?

२. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस देश में बकरीद भी मनाई जाती है, इसे रोका जाना चाहिए । बकरीद पर लाखों रुपये के बकरे काटे जाते हैं, उन रुपयों को गरीबों में बांट दें, लाभ होगा।

३. यह गलत धारणा है कि आतिशबाजी से प्रदूषण होता है; लेकिन जब पहली जनवरी को नये साल की शुभकामना के नाम पर पटाखे फोड़े जाते हैं तो ज्ञान कहां चला जाता है ? क्या इससे प्रदूषण नहीं होता ? क्या दिवाली आने पर प्रदूषण होता है ?

४. होली आते ही रोना शुरू हो जाता है कि ‘पानी खराब हो जाता है ‘। जब बकरीद पर पशु वध के कारण खून-खराबा होता है तो ये लोग बयान नहीं देते, मांग नहीं करते, कानून लाने की बात नहीं करते ।

५. हिंदू त्योहारों पर पाखंड बंद होना चाहिए । हम दिवाली अच्छे से मनाएंगे, हमने सुतली बम खरीदे हैं।

कई राज्यों में आतिशबाजी पर प्रतिबंध है

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और तमिलनाडु राज्यों ने पर्यावरण की रक्षा के लिए पटाखों के उपयोग पर सख्त नियम लागू किए हैं। सीमित समय के लिए केवल ‘ग्रीन क्रैकर्स’ (पर्यावरण के अनुकूल पटाखे) की अनुमति है, जो प्रदूषण को कम करने में उपयोगी माने जाते हैं।