Day 2 Of ‘The Jaipur Dialogues’ : वैश्विक स्तर पर भारत को पीछे धकेलने का षड्यंत्र !

‘जयपुर डायलॉग्स’ सम्मेलन का दूसरा दिन

जयपुर (राजस्थान) – पश्चिमी देशों में खालिस्तान एवं इस्लाम पर चर्चा होती है। समाज का अधिकांश भाग इससे अनभिज्ञ है; लेकिन हमें अपने शत्रु को अवश्य जानना चाहिए। भारत को वैश्विक स्तर पर पीछे धकेलने का षड्यंत्र रचा गया है । ये विचार तीन दिवसीय ‘द जयपुर डायलॉग्स’ के 9वें वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन देश-विदेश से आये बुद्धिजीवियों, राष्ट्रवादियों एवं प्रख्यात वक्ताओं ने व्यक्त किये।

‘जयपूर डायलॉग्ज’ केअध्यक्ष संजय दीक्षित

इस अवसर पर ‘जयपुर डायलॉग्स’ के अध्यक्ष संजय दीक्षित ने भी विभिन्न सत्रों में बात की और विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किये । इस वर्ष विचारों का आदान-प्रदान ‘रिक्लेमिंग भारत ‘ ( भारतीयत्व वापस लाना ) की थीम पर किया जा रहा है।

‘इस्लाम और खालिस्तान’ विषय पर चर्चासत्र!

‘इस्लाम और खालिस्तान’ विषय पर चर्चासत्र के दौरान मंच पर मौजूद हिन्दुवादी और बुद्धिजीवी

‘इस्लाम और खालिस्तान’ विषय पर एक सेमिनार में आर्मी बैकग्राउंड वाले रमानिक मान ने कहा कि सनातन-सिख धर्म एक धर्म है, जिसमें भेदभाव उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है । १९८४ के सिख दंगे इसका उदाहरण हैं । कांग्रेस नेता विदेश जाकर अलगतावाद को बढ़ावा देते हैं। १९४७ में विभाजन ने खालिस्तान को जन्म दिया।

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वहीं सेमिनार में नीरज अत्री, पंकज सक्सैना, देवदत्त मांझी, अविनाश धर्माधिकारी आदि ने बताया कि ‘मुस्लिम लीग’ विभिन्न प्रकार के जिहाद से देश को नष्ट एवं शक्तिहीन कर रही है और सही समय पर शत्रु को पहचानने पर बल दिया। इसी समय ‘हैटट्रिक ऑन हिंदुत्व’ पुस्तक का प्रकाशन भी हुआ।

‘ जगाला पोखरणारी डावी वाळवी ‘ पुस्तक का प्रकाशन करते समय हिन्दुत्व निष्ठ और सबसे बाये ओर पुस्तक के लेखक, श्री.अभिजीत जोग

राष्ट्रवादी फिल्मों के निर्माण की आवश्यकता! : ‘बॉलीवुड, ओटीटी तथा सोशल मीडिया’ विषय पर एक चर्चासत्र में हुई चर्चा !

‘बॉलीवुड, ओटीटी और सोशल मीडिया’ शीर्षक वाले सेमिनार में वैचारिक युद्ध के माध्यम से देश की संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने तथा देश के विरुध्द नैरेटिव बनाकर सनातन धर्म और हिंदू धर्म को नष्ट करने की चुनौतियों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि हमें राष्ट्रवादी फिल्में बनानी होंगी और भ्रामक दृश्य-श्रव्य छवियों का विरोध करना होगा। इस सत्र में अभिजीत जोग, अंबर जैदी, अभिषेक तिवारी, पंडित सतीश शर्मा और प्रतीक बोराडे ने अपने मन की बात की ।

आम मुसलमानों को इस्लाम के बारे में बहुत कम जानकारी है! : ‘पाकिस्तान समस्या’ विषय पर सेमिनार में गणमान्य व्यक्तियों के विचार !

‘पाकिस्तान की समस्या’ विषय पर आयोजित सेमिनार में कर्नल अजय रैना, तिलक देवसर और सुशांत सरीन ने भारत-पाकिस्तान संबंधों के साथ-साथ पाकिस्तान के दोगलेपन पर भी चर्चा की । उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को १९४७ से एक राष्ट्र के रूप में माना जाता रहा है; किंतु वह देश विरोधी गतिविधियां कर रहा है । ‘ भारत के देवबंद में शिक्षा प्रदान की जाती है; लेकिन पाकिस्तान के देवबंद में ग्रेजुएशन के बाद एके 47 दी जाती है । आम मुसलमानों को इस्लाम के बारे में बहुत कम जानकारी है ।

फिल्मों, फैशन और यहां तक कि खान-पान में भी इस्लाम और पश्चिम का हस्तक्षेप ! : ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ विषय पर सेमिनार में राय

‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ शीर्षक सेमिनार में कर्नल आर.एस.एन. सिंह, बाबा रामदास और अभिजीत चावड़ा ने भारत में चल रही सामरिक, रणनीतिक, राजनीतिक, वैचारिक और संस्कृत गतिविधियों पर चर्चा की । उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि पश्चिमी देश (ईसाई भी) आघात कर रहे हैं। इस शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक आक्रमण को हम धर्मांतरण के रूप में देख रहे हैं। इस्लाम और पश्चिम फिल्मों, फैशन और यहां तक कि भोजन में भी तेजी से हस्तक्षेप कर रहे हैं। यह भयानक है और देश को बांटने का षड्यंत्र है ।

देश में हिन्दुओं को तीर्थयात्रा के लिए कोई अनुदान नहीं है; किंतु हज के लिए अनुदान! : ‘सनातन धर्म एवं गौतम बुद्ध’ विषय पर चर्चा सत्र मे विचार

लेखक अजय चुंगरू और वकील विष्णु शंकर जैन ने ‘सनातन धर्म और गौतम बुद्ध’ पर चर्चा सत्र मे चर्चा के समय हिन्दू मंदिरों में सरकारी हस्तक्षेप के बारे में चिंता व्यक्त की। अजय चुंगरू ने कहा कि मंदिरों की भूमि को वक्फ में रूपांतरित किया जा रहा है । वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों को ‘सरकारी सेवक’ कहा जाता है। उन्हें कई विशेषाधिकार दिए गए हैं । अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जहां अन्य देशों में अल्पसंख्यक समान नागरिक अधिकारों में विश्वास करते हैं, वहीं भारत में बहुसंख्यक केवल इस कानून की मांग कर रहे हैं। देश में तीर्थयात्रा के लिए हिन्दुओं को अनुदान नहीं दिया जाता ; किंतु हज पर अनुदान दिया जाता है । बहुसंख्यक समुदाय को यह मांग करनी पड रही है की उनके मंदिरों का नियंत्रण उन्हें दे दिया जाए।

‘जयपुर डायलॉग्स’ हिन्दू राष्ट्रवादियों एवं बुद्धिजीवियों की सम्मेलन में उपस्थिति

अंतिम दिन का विषय!

२७ अक्टूबर यानी कार्यक्रम के अंतिम दिन कर्नल अजय रैना, मेजर जनरल राजीव नारायण, नसीर अहमद शेख, संक्रांत शानू, विभूति झा समेत कई वक्ताओं, लेखकों ने ‘आत्मनिर्भर भारत के सामने चुनौतियां’, ‘भू-राजनीति’ विषयों पर बात की । और भारत’, ‘वर्ष २०२९ की राजनीति’, ‘मल्टी डोमेन थ्रेट’ (विभिन्न स्तरों पर खतरे), ‘हिन्दुत्व बनाम इस्लाम’ आदि पर विचारक ने अपने विचार व्यक्त किये ।