‘BRICS’ Membership Denied To Pakistan : पाकिस्तान को ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता न मिलने से पाकिस्तानी जनता क्रुद्ध !
(ब्रिक्स अर्थात ब्राजिल, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रिका देशों का संगठन)
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – रूस के कजान में सम्पन्न ब्रिक्स देशों की परिषद में पाकिस्तान को सहभागी कराने के हेतु से प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने निवेदन दिया था; परंतु उसे अस्वीकार कर दिया गया । इससे पाकिस्तान के नागरिक क्रुद्ध हो गए हैं । पाकिस्तान के साथ ही अनेक देशों ने ब्रिक्स में सहभागी होने हेतु निवेदन-पत्र दिए थे । उनमें से केवल १३ देशों को ब्रिक्स में सहभागी किए जाने की घोषणा की गई है । इन १३ सहभागी देशों में से ७ इस्लामी देश हैं । इसमें पाकिस्तान का मित्र तुर्कीये (टर्की) समाहित है । कहा जाता है कि ब्रिक्स की सदस्यता मिले; इसलिए तुर्कीये ने कश्मीर का सूत्र संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत नहीं किया । सहभागी देश ब्रिक्स के औपचारिक सदस्य बनने की अपेक्षा संगठन के नियोजन का भाग होंगे ।
इस संदर्भ में रूस ने कहा, ‘सदस्य होने हेतु सहमति आवश्यक है । इस कारण जिन देशों के नाम पर सभी ने सहमति दर्शाई, केवल ऐसे ही देशों को सहभागी किया गया है ।’
पाकिस्तान की दुर्बल अर्थव्यवस्था ब्रिक्स के मापदंडों से परे है । इस संगठन में उभर रही अर्थव्यवस्था के देशों को एकत्रित लाने का प्रयास है । इसी के साथ पाकिस्तान भारत विरुद्ध वक्तव्य करने के लिए बडे व्यासपीठों का प्रयोग कर रहा है, इसलिए भारत ने पाकिस्तान का विरोध किया था ।
संपादकीय भूमिकाक्या ब्रिक्स की सदस्यता मिलने हेतु पाकिस्तान योग्य भी है ? जिस देश को विश्व द्वारा ‘आतंकवादी देश’ घोषित कर उसका बहिष्कार करने की आवश्यकता है, ऐसे देश को आर्थिक दृष्टि से सशक्त देशों की सदस्यता क्यों दी जाए ? |