Slavery Reparations From UK : राष्ट्रमंडल देशों ने ब्रिटेन से गुलामी की भरपाई मांगी !
ब्रिटेन सरकार का भरपाई देना अस्वीकार किया !
(जिन देशों पर ब्रिटेन ने शासन किया, उनका संगठन राष्ट्रमंडल है। इसमें भारत भी सम्मिलित है।)
लंदन (ब्रिटेन) – दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के पास प्रशांत महासागर में स्थित सामोआ नामक द्वीप पर 56 राष्ट्रमंडल देशों का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इन देशों ने उन पर शासन करने वाले ब्रिटेन से हानि की भरपाई की मांग की है। ब्रिटिशों द्वारा इन देशों पर किए गए अत्याचारों को लेकर यह भरपाई मांगी गई है। जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एक साथ आने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था; कई देशों ने ब्रिटेन सहित अन्य यूरोपीय शक्तियों से आग्रह किया कि वे अतीत में उन्हें गुलाम बनाने के लिए आर्थिक भरपाई दें। शिखर सम्मेलन में बहामास के प्रधानमंत्री फिलिप डेविस ने कहा कि अतीत पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। अब इन ऐतिहासिक त्रुटियों पर बात करने का समय आ गया है। गुलामी की भयानकता ने हमारे समाज में गहरे घाव दिए हैं। न्याय की यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है।
अतीत को कोई नहीं बदल सकता ! – राजा चार्ल्स (तृतीय)
इस मांग पर ब्रिटेन के राजा चार्ल्स (तृतीय) ने कहा कि मुझे समझ में आता है कि राष्ट्रमंडल के लोगों की बात सुनने के बाद अतीत के सबसे दर्दनाक पहलू आज भी गूंजते हैं। हम में से कोई भी अतीत को नहीं बदल सकता; लेकिन इससे सबक लेने और असमानता को दूर करने के लिए हम दिल से प्रतिबद्ध हैं।
ब्रिटिश सरकार ने मांग ठुकराई
आर्थिक संकट का सामना कर रही ब्रिटिश सरकार के प्रधानमंत्री कीर स्टारर ने नुकसान भरपाई की मांग को ठुकरा दिया है। उनके सहायक ने शिखर सम्मेलन में अत्याचारों के लिए क्षमा मांगने से भी मना कर दिया है।
संपादकीय भूमिकाब्रिटेन आर्थिक संकट में है, वह दूसरों को क्या भरपाई देगा ? कई सदियों तक अन्य देशों को लूटने के बाद भी ब्रिटेन की यह स्थिति “हर देश को उसके कर्मों का फल भुगतना पड़ता है,” ऐसा ही कहने को बाध्य करती है ! |