Canada PM’s Unabashed Acceptance : हमने सबूतों के अभाव में भारत पर आरोप लगाया !

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लज्जास्पद स्वीकृति !

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो

ओटावा (कनाडा)/नई दिल्ली – खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत पर आरोप लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अब पीछे हट गए हैं । जस्टिन ट्रूडो ने इस सबके संबंध में कनाडा की आंतरिक जांच समिति के सामने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि मुझे बताया गया कि कनाडा और हमारे ५ अन्य मित्र देशों की खुफिया जानकारी के अनुसार, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है। यह जानकारी मिलने के बाद हमने तुरंत भारत सरकार से संपर्क किया। भारत सरकार ने हमसे सबूत मांगे । इस पर हमने उत्तर दिया, ‘सबूत आपकी सुरक्षा प्रणाली में हैं’; लेकिन भारत सरकार सबूत मांगने पर अड़ी रही; लेकिन तब हमारे पास पुख्ता सबूत नहीं थे, सिर्फ खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी थी। तो हमने भारत से कहा कि हम मिलकर आपकी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे, हो सकता है हमें वहां सबूत मिल जाएं । (जब आरोप कनाडा ने लगाए थे तो भारत को सबूत तलाशने की क्या आवश्यकता है? अगर कल भारत किसी मामले में कनाडा पर झूठा आरोप लगाए और कनाडा से सबूत तलाशने को कहे, तो क्या वह ऐसा करेगा? – संपादक)

भारत-कनाडा के रिश्ते खराब होने के लिए ट्रूडो ही जिम्मेदार ! – भारत

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल

ट्रूडो की इस जानकारी से स्पष्ट है कि उन्होंने भारत पर झूठा आरोप लगाया है। ट्रूडो की इस जानकारी पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि आज हमने जो सुना वह यह है कि “कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के विरुद्ध लगाए गए गंभीर आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया है।”

ट्रूडो के इस व्यवहार के कारण भारत-कनाडा संबंधों की जो हानि हुई है, उसके लिए अकेले प्रधानमंत्री ट्रूडो जिम्मेदार हैं।

संपादकीय भूमिका

  • अगर किसी देश का प्रमुख इतना गैर-जिम्मेदार है तो वह देश का कामकाज कैसे चला रहा है, इसके बारे में न ही सोचा जाए तो अधिक योग्य है ! भारत पर लगाए गए झूठे आरोपों से दुनिया भर में कनाडा की बदनामी हुई है।’ साथ ही भारत के साथ भी उसके रिश्ते खराब हो गए हैं । कनाडा के नागरिकों को अब खालिस्तान-प्रेमी ट्रूडो को त्यागपत्र देने के लिए मजबूर करना चाहिए !

  • आज कनाडा के रुख में नरमी सिर्फ इसलिए आई है क्योंकि भारत ने *आरम्भ से ही कनाडा के मामले में कड़ा रुख अपनाया। अत: यह सिद्ध हो गया है कि ऐसे लोगों से गांधीगिरी की भाषा नहीं, बल्कि अपनी समझ में आने वाली भाषा में ही बात करनी होगी !

  • ट्रूडो के आरोपों से भारत पर दबाव बनाने वाले अमेरिका को अब भारत से क्षमा मांगनी चाहिए ! भारत को भी यही मांग करनी चाहिए !