Genocide Of Bangladeshi Hindus : बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के नरसंहार का फ्रांस में निषेध !
‘पैरिस महामाया पूजा परिषद’ द्वारा आयोजित किया गया निषेध कार्यक्रम !
पैरिस (फ्रांस) – ‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन’ नामक संगठन के ‘यूरोपीयन युनियन चैप्टर’ के अध्यक्ष श्री. दीपेन मित्रा ने ‘सनातन प्रभात’ को जानकारी देते हुए कहा, ‘पैरिस महामाया पूजा परिषद’ द्वारा दुर्गापूजा के कार्यक्रम में बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के हो रहे नरसंहार का निषेध करने हेतु आंदोलन किया गया । इस समय भारत, बांग्लादेश, नेपाल एवं श्रीलंका के १ सहस्र (हजार) से अधिक हिन्दू उपस्थित थे ।
Global Solidarity for Minority Rights of #Bangladesh!#France : Paris Mahamaya Puja Parishad, celebrating Durga Puja since 2020, protests ethnic cleansing of Hindus, Buddhists & Adivasi Tribals in Bangladesh!
Thousands of Hindus from India, Nepal, Bangladesh and Sri Lanka… pic.twitter.com/4zMlkn8Dgj
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 13, 2024
फ्रांस के हिन्दू बांग्लादेश के हिन्दुओं की दुःस्थिति के कारण चिंतित हैं । पैरिस महामाया पूजा परिषद ने ११ अक्टूबर को स्थानीय समयानुसार रात्रि ८ बजे निषेध आंदोलन का आयोजन किया था ।’
इस अवसर पर पैरिस महामाया पूजा परिषद के अध्यक्ष श्री. सुकांता सरकार ने कहा, ‘बांग्लादेश में केवल हिन्दुओं पर ही आक्रमण नहीं होते, अपितु बांग्लादेश से अल्पसंख्यक हिन्दुओं को बाहर निकालने की प्रक्रिया भी आरंभ हो चूकी है । बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू एवं बौद्धों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु हमने बांग्लादेश सरकार से मांग की है ।’
पूर्णा शर्मा ने कहा, ‘वर्ष १९७१ से आजतक बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे है । ५ अगस्त २०२४ को प्रधानमंत्री शेख हसीना के त्यागपत्र के उपरांत एवं देश छोड देने के पश्चात अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण एवं मंदिरों की तोडफोड बडी मात्रा में बढ गई है ।’
‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन’ के ‘यूरोपीयन युनियन चैप्टर’ के अध्यक्ष दीपन मित्रा ने कहा, ‘बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू, बौद्ध एवं आदिवासी आज संकट में हैं । उनपर हो रहे आक्रमणों की प्रत्येक घटना में अपराधियों का निष्पक्ष परीक्षण एवं कठोर दंड देने की मैं मांग करता हूं ।’ उन्होंने बांग्लादेश के असहाय हिन्दुओं का समर्थन करने का आवाहन विश्व की सभी जनता से किया ।
निषेध आंदोलन का स्वरूप !
१. वर्ष १९७१ से आजतक मारे गए सभी निष्पाप हिन्दुओं का स्मरण करने हेतु एवं बांग्लादेश के निवासी हिन्दू लडकियां तथा महिलाओं पर हुए राक्षसी अत्याचारों के विरुद्ध एक मिनट का मौन रखा गया ।
२. हिन्दुओं को उत्पीडन देने के निषेध में मोमबत्ती भी जलाई गईं ।
३. पैरिस महामाया पूजा परिषद के अध्यक्ष श्री. सुकांता सरकार, प्रधान सचिव श्री. अमर मुजुमदार, मुख्य परामर्शदाता श्री. अवनी दास, श्री. रिपन देबनाथ एवं श्री. संजीव सरकार ने निषेध सभा को संबोधित किया ।