Forced Performance Of Islamic Song In DurgaPuja : बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के मंच पर मुस्लिम युवकों ने गाया इस्लामी क्रांति का गीत
मामले को दबाने के प्रयास का विरोध होने पर 6 मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया
चितगांव (बांग्लादेश) – यहां दुर्गा पूजा मंडप में देशभक्ति गीत गाने के नाम पर मंच पर चढ़े इस्लामी कट्टरपंथियों ने ‘इस्लामी क्रांति’ का आह्वान करने वाला गीत गाया। इस गीत में बांग्लादेश में इस्लामी क्रांति लाने और गैर-मुसलमानों को निशाना बनाने वाली पंक्तियां शामिल थीं। यह मामला उजागर होने के बाद बांग्लादेश प्रशासन ने हमेशा की तरह इसे दबाने का प्रयास किया; लेकिन जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ और सच्चाई की जांच करने पर यह कृत्य सामने आया, तब स्थानीय प्रशासन ने कार्यवाही का आदेश दिया। इसके बाद ६ युवकों को गिरफ्तार किया गया। यह घटना ९ अक्टूबर को घटी।
Muslim youth sang a revolutionary I$l@mic song on the Durga Puja stage
Six Muslim youths arrested after opposition to attempts to suppress the incident
The situation in Bangladesh is such that in the coming years, there might not be Durga Puja as Hindus themselves may become… pic.twitter.com/j9sz07h9kW
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 11, 2024
१. कुछ युवकों ने ‘चित्तग्राम कल्चरल अकादमी’ नामक स्थानीय सांस्कृतिक संस्था के सदस्य बनकर मंडप के आयोजकों से देशभक्ति गीत गाने की अनुमति मांगी। आयोजकों ने उन पर शक न करते हुए अनुमति दे दी; लेकिन इसके बाद ये कट्टरपंथी युवक मंच पर इस्लामी क्रांति का प्रचार करने वाले गीत गाने लगे, जिससे माहौल बिगड़ गया। इस कृत्य से वहां मौजूद हिंदू अस्वस्थ हो गए। इस घटना के बाद तुरंत इसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया; लेकिन हमेशा की तरह कुछ लोगों ने इस घटना को ‘फर्जी’ या ‘संपादित’ वीडियो बताते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया। स्थानीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वीडियो में दिखाई गई घटना वास्तविक है और इसे झूठा साबित करने का प्रयास गलत है।
२. ‘ए.एफ.पी.’ समाचार एजेंसी के पत्रकार कादेरुद्दीन शिशिर ने सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट करके बताया कि यह वीडियो फर्जी नहीं है और यह घटना सम्पूर्णत: वास्तविक है। जिस सांस्कृतिक संगठन को आमंत्रित किया गया था, वह ‘जमात-ए-इस्लामी’ से जुड़ा हो सकता है।
Thousands of Hindus gathered in Chittagong's JM sen Hall Durga Puja festival to protest the forced performance of Islamic songs by Islamic jihadists and demanded punishment of the perpetrators.
Protests will not stop even during Durga Puja.#Bangladesh #SaveBangladeshiHindus… pic.twitter.com/vcbxlSj483— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) October 10, 2024
३. इस घटना के बाद चितगांव की उपायुक्त फरीदा खानम ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और ‘इस मामले की जांच करके दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी’, ऐसा आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऐसी घटनाएं बांग्लादेश की धार्मिक एकता के लिए हानिकारक हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दुर्गा पूजा जैसे धार्मिक कार्यक्रम में धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ने नहीं दिया जाएगा, इसका प्रशासन ध्यान रखेगा।’
४. पूजा मंडप के सहायक सचिव सजल दत्ता पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने इस समूह को मंच पर इस्लामी गाने गाने की अनुमति दी। यह खबर फैलते ही आयोजकों ने मंच से घोषणा की कि सजल दत्ता को पूजा उत्सव समिति से हटा दिया गया है। दूसरी ओर, आयोजकों ने दावा किया कि ‘हमें इस घटना की जानकारी नहीं थी और हमें भ्रमित किया गया था।’
“हिंदू अगर मस्जिदों में नमाज के दौरान ‘हरे राम हरे कृष्णा’ का गायन करें तो क्या होगा?” – तस्लीमा नसरीन
Jihadis are singing Islami jihadi songs in Durga puja pandel in Chittagong Bangladesh. What if Hindus sing hare ram hare krishna during Namaz inside mosques? pic.twitter.com/Lm0UFzflOR
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 10, 2024
बांग्लादेश के चितगांव में दुर्गा पूजा मंडप में इस्लामी जिहादी गीत गाए जा रहे हैं। अगर हिंदू मस्जिदों में नमाज के दौरान ‘हरे राम हरे कृष्णा’ का गायन करें, तो क्या होगा? इसी तरह का सवाल प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस घटना के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया है।
संपादकीय भूमिकाआने वाले कुछ वर्षों में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा भी होगी या नहीं, ऐसी स्थिति है, और पूजा के लिए हिंदू भी शायद न बचें ! |