Consider Cows As Deities : गोमाता को जानवरों की सूची से हटाओ ! – शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की केंद्र सरकार से मांग

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

भुवनेश्वर (ओडिशा) – केंद्र सरकार की सूची में गाय को जानवरों की श्रेणी में रखा गया है; लेकिन भारतीय संस्कृति में गाय को ‘देवी’ कहा गया है। गाय को ‘माता’ मानकर उसका महत्व बताया गया है। सनातन धर्म को मानने वाले गाय को माता कहते हैं। इसलिए गाय को जानवर कहना सनातन धर्म और इसके अनुयायियों का अपमान है। हमें अपनी परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। इसी का एक हिस्सा मानकर केंद्र सरकार द्वारा जारी जानवरों की सूची से गाय को हटाना होगा, ऐसी मांग उत्तराखंड के बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से की है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने ‘गो प्रतिष्ठा ध्वज प्रतिष्ठापना यात्रा’ का आयोजन किया है। यह यात्रा हाल ही में ओडिशा पहुंची है। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए उपर्युक्त मांग रखी।

गोमाता के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए !

शंकराचार्य ने कहा कि गाय को संरक्षण दिलाना और गायों की सेवा करना इस यात्रा का उद्देश्य है। मैं यहां गो प्रतिष्ठा ध्वज प्रतिष्ठापना यात्रा के लिए आया हूं। गोमाता के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए, यह हमारी इस यात्रा की प्रमुख मांग है। कानून बनने के बाद लोगों को इसका और सनातन धर्म का महत्व समझ में आएगा। इससे लोगों की सोचने की पद्धति और गाय को देखने का दृष्टिकोण बदलेगा। जब तक केंद्र सरकार कानून नहीं बनाती, हम यह काम करते रहेंगे, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया।

संपादकीय भूमिका

मूल रूप से शंकराचार्य को ऐसी मांग क्यों करनी पड़ रही है? सरकार को यह क्यों नहीं समझ में आता? क्या अब सरकार तत्परता से यह मांग मानेगी?