Air Chief Marshal Attack on India : यदि इजराइल के समान क्षेपणास्त्र द्वारा भारत पर एकाएक आक्रमण हुए, तो हम सब उनको रोक नहीं सकते ! – एयर चिफ मार्शल अमरप्रीत सिंह  

वायुदल के प्रमुख एयर चिफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने दी जानकारी

वायुदल के प्रमुख एयर चिफ मार्शल अमरप्रीत सिंह

नई देहली – यदि इजराइल के समान भारत पर क्षेपणास्त्र द्वारा आक्रमण हुआ, तो भारत के लिए सभी क्षेपणास्त्रों को रोकना संभव नहीं है । क्योंकि अपना क्षेत्र इजराइल से अधिक है । भारतीय वायुदल के प्रमुख एयर चिफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने ऐसी जानकारी दी । उन्होंने ऐसा भी कहा कि उन्हें आशा है कि ‘रूस से खरीदी जानेवाली ‘एस् ४०० हवाई सुरक्षा प्रणाली’ में से २ प्रणाली रूस शीघ्र ही देगा । ९२ ‍वें वायूसेना के वर्धापन दिवस के निमित्त आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे । भारत ने रूस से यह प्रणाली क्रय की है । इसके द्वारा यदि भारत पर कोई क्षेपणास्त्र दागे, तो उन्हें‍ हवा में ही नष्ट करना संभव है ।

चीन के साथ तनाव स्थाइ !

एयर चिफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने कहा कि पूर्व लद्दाख में चीन के साथ की प्रत्यक्ष नियंत्रणरेषा पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ; परंतु दोनों ‍ही देशों में तनाव स्थाइ है । चीन उसकी सीमा की मूलभूत सुविधाओं में शीघ्रता से वृद्धि कर रहा है । हमारे सामने शत्रु की सिद्धता से समझौता करने की चुनौती है तथा हम भी हमारी मूलभूत सुविधाओं में अन्य मार्गों से सुधार कर रहे हैं । पूर्व लद्दाख में अधिक प्रगत लँडिंग ग्राऊंड तथा नए हवाईअड्डों का निर्माण किया जा रहा है ।

हम किसे कहां मार सकते हैं, मैं नहीं बताउंगा !

वायुदलप्रमुख अमरप्रीत सिंह को पूछा गया, ‘यदि लेबनान में इजराइल हिजबुल्ला के प्रमुख की हत्या कर सकता है, तो भारत पाकिस्तान के आतंकवादियों के विरोध में ऐसा क्यों नहीं करता ?’ इस पर उन्होंने उत्तर दिया, ‘हमने यह बालाकोट में किया है । हम कहां और किसे मार सकते हैं, मैं नहीं बताउंगा !.’

वायुदल को लडाकू विमानाें की आवश्यकता !

एयर चिफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने कहा कि भारतीय वायुदल के सामने बडी चुनौती है, लडाकू विमानों की शक्ति टिकाए रखना । ‍वर्तमान में भारतीय वायुदल को लडाकू विमानों की कमी प्रतीत हो रही है । वर्तमान में भारतीय वायुदल के पास ३१ सक्वाड्रन्‍स (विमानों का गुट । एक गुट में १२ से १४ विमाने होते हैं ।) हैं तथा अगले १५ वषों में इनमें अधिकांश सक्वाड्रन्‍स चरण-दर-चरण निकाले जाएंगे । भारत को ४२ सक्वाड्रन्‍स की आवश्यकता‍है । ‘मिग-२१ बायसन’ तथा ‘मिग-२९’ सक्वाड्रन्‍स क्रमश; वर्ष २०२५ तथा वर्ष २०३५ तक चरण-दर-चरण बाहर निकाले जाएंगे । वर्ष २०१९ में पाकिस्तान के विरुद्ध बालाकोट में आक्रमण करनेवाले फ्रेंच लडाकू विमान ‘मिराज-२०००’ वर्ष २०३५ तक निवृत्त होनेवाले हैं । हमने हमारी आवश्यकताओं को बिलकुल स्पष्ट किया है तथा हम सरकार से प्रतिसाद की बाट जोह रहे हैं । सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह कि ये विमान भारत में ही बनने चाहिए ।