Nagaland Gau Dhwaj Yatra : नागालैंड सरकार ने ‘गो ध्वज स्थापना यात्रा’ पर लगाया प्रतिबंध !

नागालैंड सरकार ने शंकराचार्य को प्रवेश से रोका !

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (दाएं)

दीमापुर (नागालैंड) – नागालैंड सरकार ने सार्वजनिक शांति भंग होने का दावा करते हुए गोहत्या बंद करने की मांग को लेकर ‘गो ध्वज संथान यात्रा’ पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश दीमापुर स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय की ओर से दिया गया है । यह प्रतिबंध दीमापुर, चुमुकेदिमा एवं न्यूलैंड जिलों में लागू है ।

राजधानी कोहिमा में २८ सितंबर को होने वाली गौ ध्वज यात्रा का कई नागा संगठनों ने कड़ा विरोध किया है । यह यात्रा देशभर में गोहत्या बंदी के समर्थन में आयोजित की गई है। हालांकि, इस यात्रा को क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव के लिए छल बताया गया है।

मुझे क्यों रोका गया ? – शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

इससे पहले २५ सितंबर को जब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती नागालैंड में गौ ध्वज लगाने गए थे तो सरकार ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया था । (अब उदारवादी या लोकतंत्रवादी इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे ? – संपादक) शंकराचार्य ने इस पर आक्रोश व्यक्त किया । उन्होंने कहा, ”मैंने किसी को हानि नहीं पहुंचाई है या किसी के विषय में बुरा नहीं बोला है । मैं सिर्फ लोगों तक अपनी बात पहुंचाना चाहता हूं । ‘ मुझे क्यों रोका गया ? उत्तर-पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मेरे दौरे में बाधा नहीं डालनी चाहिए । वे गौहत्या और गौ संरक्षण से संबंधित उन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं जो उन्हें समस्याग्रस्त लगते हैं।”

नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने शंकराचार्य की प्रस्तावित यात्रा की निंदा करते हुए कहा कि यह नागा लोगों की सामाजिक और सांस्कृतिक वंशावली का अपमान है । यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद ३७१ ए के तहत नागा लोगों को दिए गए अधिकारों को चुनौती देता है, जो नागा लोगों की परंपराओं और धार्मिक प्रथाओं की रक्षा करता है।

संपादकीय भूमिका 

  • नागालैंड में बीजेपी गठबंधन सरकार में सम्मिलित है तो इस तरह का प्रतिबंध कैसे लगाया गया ? हिन्दुओं को इसकी अपेक्षा नहीं है !
  • यह एक उदाहरण है कि यदि कोई राज्य मुस्लिम या ईसाई बाहुल्य बन जाता है तो क्या होता है । यदि आप नहीं चाहते कि भारत में हर स्थान ऐसा हो, तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !