Bangladeshi Extremists Demand No Durga Puja : बांग्लादेश में अब हिन्दुओं को दुर्गापूजा न मनाने की धमकी !

  • दुर्गापूजा के लिए हिन्दुओं को छुट्टी के साथ ही सरकारी सहायता देने का भी विरोध

  • पर्यावरण को क्षति पहुंचने के कारण दुर्गापूजा को अनुमति न देने की मांग

ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश में हिन्दू दुर्गापूजा न करें, ऐसी धमकी जिहादी संगठनों द्वारा दी जा रही है । इससे पूर्व खुलना जिले में ‘साढे तीन लाख रुपए देने के उपरांत ही दुर्गापूजा आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी’, ऐसे पत्र दुर्गापूजा समितियों को भेजे गए थे । अब दुर्गापूजा के लिए हिन्दुओं को छुट्टी न दी जाए, ऐसी भी मांग की जा रही है । जिहादी संगठनों ने ढाका में मोर्चा निकालकर दुर्गापूजा का विरोध किया है । यहां हिन्दू अनेक वर्षों से दुर्गा पूजा मनाते हैं ।

१. ‘इन्साफ कीमकारी छात्र-जनता’ नामक संगठन ने बंगाली भाषा में फलक हाथ में लेकर निषेध किया । इन फलकों में लिखा गया था, ‘सडक बंद कर पूजा नहीं होगी’, ‘मूर्ति विसर्जन करने से जलप्रदूषण होगा’, ‘मूर्तियों की पूजा नहीं की जाएगी ।’ इस दल ने १६ धाराओं का मांगपत्र भी दिया है ।

२. इस त्योहार के कारण पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है । धार्मिक कार्यक्रमों के लिए सडकें बंद करना प्रतिबंधित करें तथा त्योहार-उत्सवों पर सरकारी सहायता निधि का उपयोग न करें, इसके साथ ही अन्य अनेक मांग इस संगठन ने की है । बांग्लादेश में ऐसी मांग करने से हिन्दुओं में तनाव का वातावरण है ।

मंदिरों पर भारतविरोधी फलक लगाने की मांग !

जिहादी संगठन हिन्दुओं को बांग्लादेश के प्रति निष्ठा प्रमाणित करने के लिए कहते हैं । इस हेतु सभी मंदिरों पर भारत विरोधी फलक लगाने की मांग की गई है । (क्या स्वतंत्रता से लेकर अब तक भारत के हिन्दुओं ने कभी भी मुसलमानों को अपनी मस्जिदों एवं मदरसों पर पाकिस्तान विरोधी फलक लगाने के लिए बाध्य किया है ? हिन्दू सहिष्णु होने के कारण उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया; परंतु इस्लामी देशों में हिन्दुओं को निष्ठा व्यक्त करने हेतु बाध्य किया जा रहा है, इस पर ध्यान दें ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • बांग्लादेश अब दूसरा अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान बन गया है । वहां के हिन्दुओं को अब पलायन कर भारत में आने के अतिरिक्त दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा । इससे पूर्व ही भारत सरकार को उचित कदम उठाना आवश्यक है !
  • इस्लामी देश में हिन्दू अल्पसंख्यक होने पर क्या भोगना पडता है , इसे देखते हुए भारत के धर्मांध अल्पसंख्यक मुसलमान कितने उद्दाम हैं , यह ध्यान में आता है !