Kolkata HC Durga Puja Donation : दुर्गा पूजा समितियों को दें १० लाख रुपये !
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कोलकाता (बंगाल) – दुर्गा पूजा समितियों को सरकार से मिलने वाली ८५ सहस्त्र रुपये की राशि नाममात्र है । इससे आयोजकों को मंडप पर कई गुना अधिक व्यय करना पड़ता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार को आदेश दिया कि सरकार प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को कम से कम १० लाख रुपये देने पर विचार करे । दुर्गा पूजा के आयोजकों को सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उक्त निर्देश दिया ।
“पूजा समितियों को मिलने वाली सहायता का कोई गणना नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ता वकील नंदिनी मित्रा ने मांग की है कि इस वित्तीय सहायता को रोका जाना चाहिए; किंतु उच्च न्यायालय ने ऐसे किसी प्रतिबंध का आदेश नहीं दिया है ।
Kolkata Durga Puja Donation: Grant 10 Lakhs to Durga Puja Committees !
Calcutta High Court fires a Notice to the Bengal Govt
Claims that the 85 thousand rupees given by the government is meager.
For the first time it looks like the government has been instructed to extend… pic.twitter.com/vegpmHtPcx
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 24, 2024
१. सुनवाई के समय मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम ने कहा कि मैंने पिछले २ वर्षों में कई दुर्गा पूजा मंडपों का निरीक्षण किया है। मुझे लगता है कि कार्यक्रम के आयोजन में हुए व्यय की तुलना में ८५ सहस्त्र रुपये कुछ भी नहीं है !
बंगाल सरकार की ओर से प्रस्तुत महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा यद्यपि राज्य को पूजा समितियों को प्रोत्साहित करने के लिए धन वितरित करना चाहिए; क्योंकि दुर्गा पूजा राज्य की सांस्कृतिक विरासत का अंग है । इसलिए, राज्य को प्रत्येक दुर्गा पूजा आयोजक को १० लाख रुपये देने पर विचार करना चाहिए !
२. चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हमें यह देखना होगा कि सरकार से मिलने वाला पैसा कहां व्यय होता है ? यदि समितियों को पैसा मिलता है तो वे इस राशि का उपयोग कैसे करती हैं?, यह भी देखना होगा ।
३. याचिका में पूजा मंडप में बिजली शुल्क पर दी जाने वाली छुट को रोकने की भी मांग की गई; लेकिन कोर्ट ने इस मांग को भी विरोध कर दिया । न्यायालय ने माना कि प्रकाश व्यवस्था पर व्यय से छूट एक सार्वजनिक उद्देश्य हो सकता है; क्योंकि मंडप में प्रकाश व्यवस्था आधारभूत ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करती है।
संपादकीय भूमिकाऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार को हिन्दू त्योहार के लिए वित्तीय सहायता बढाकर देने के निर्देश दिए गए हैं। यह विचार हिन्दुओं के लिए एक सुखद समाचार है ! |