Kailash Mansarovar Darshan : भक्तों को कैलास पर्वत के दर्शन हों, इसलिए अब हेलिकाप्टर का उपयोग !
देहरादून – उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले के पुराने लिपुलेख की पहाडियों पर से आगामी सप्ताह से ‘एम.आइ-१७’ हेलिकाप्टर के द्वारा कैलास पर्वत के दर्शन लेना आरंभ होगा । इस यात्रा के लिए ७५ सहस्र रुपए लगेंगे ।
१. कैलास पर्वत चीन के नियंत्रण में स्थित तिब्बत में है । कैलास के दर्शन हों, वह स्थान १४ सहस्र फुट से अधिक ऊंचाई पर है । इस कारण जिनकी आयु ५५ वर्ष अथवा अल्प है, उन्हीं को यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी ।
२. इससे पूर्व भारतीय नागरिक ३ मार्गों से कैलास पर्वत पर पहुंच सकते थे । पहला मार्ग नेपाल द्वारा, दूसरा पुराना लिपुलेख मार्ग एवं तीसरा सिक्किम मार्ग । इन मार्गों की यात्रा ११ से २२ दिनों में पूर्ण होती है तथा उसके लिए १ लाख ६ सहस्र से २ लाख ५० सहस्र रुपए लगते थे ।
३. नए मार्ग के अनुसार भक्तों की यात्रा पिथौरागढ से आरंभ होगी । यहां से सैन्य का ‘एम.आइ-१७’ हेलिकाप्टर एक समय १५ भक्तों को पुराने लिपुलेख से पूर्व ३०कि.मी. दूरी पर रहे गुंजी गांव में ले जाएगा । वहां के वाहन भक्तों को २१ कि.मी.आगे नाभिडंग तक ले जाएंगे । वहां प्रथम ओम पर्वत देख सकते हैं । तदनंतर भारतीय सैन्य के सैनिक भक्तों को ९ कि.मी.आगे पुराने लिपुलेख खिंड तक ले जाएंगे । यहां भक्तों को चोटी पर निर्मित ‘दृष्य बिंदु’ से कैलास पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे ।
४. यह यात्रा ४ दिनों की होगी । इस यात्रा के लिए प्रत्येक भक्त को ७५ सहस्र रुपए खर्च करने पडेंगे । इसमें हेलिकाप्टर-जीप का भाडा, निवास, भोजन, गरम पानी, रजाई-गद्दा-तकिया आदि समाहित हैं ।