जलगांव में कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दू युवक पर प्रहार!

  • मुस्लिम युवती को हिन्दू युवक के साथ देखकर क्रोधित !

  • दोनों व्यावसायिक काम के लिए थे साथ

  • हिंदू युवक गंभीर रूप से घायल; ४ कट्टरपंथियों को बंदी बना लिया गया !

  • मुस्लिम युवती को भी कट्टरपंथियों ने पीटा !

घायल अवस्था मे हिन्दू युवक

जलगांव, १५ सितंबर (वार्ता) – शहर के एक रेस्टोरेंट में आयोजित कार्यक्रम की व्यवस्था (इवेंट मैनेजमेंट) के लिए कैटरिंग का काम तय करने के सिलसिले में नाशिक से आई आयशा अली खान (२२ वर्ष) नामक युवती के साथ हिन्दू युवक श्री मोहित राजेश चौहान (२७ वर्ष) पर कट्टरपंथियों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। यह घटना १४ सितंबर को घटी। चौहान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया।

इस घटना की जानकारी मिलते ही शहर के हिंदुत्वनिष्ठ संगठित हो गए, जिसके चलते मामूली पत्थरबाजी भी हुई। पुलिस ने ५ कट्टरपंथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उनमें से ४ को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के नाम फारुख आसिफ खटीक, अकरम खटीक, भूरा, साहबाब उर्फ पाद्या हैं।

१.मोहित चव्हाण को एक समारोह में खाने की व्यवस्था के लिए एक व्यक्ति की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने आयेशा खान से संपर्क किया और उसे खाना बनाने की योजना के लिए व्यक्ति उपलब्ध कराने के लिए कहा। बुकिंग की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आयेशा जलगांव से आई थी। चव्हाण ने आयेशा के माता-पिता की अनुमति लेकर उसे नाशिक बुलाया था। चव्हाण उसे लेने के लिए रेलवे स्टेशन गए। वहां से दोनों लोग मोटरसाइकिल पर एम.आई.डी.सी. के एक होटल में बुकिंग के लिए जा रहे थे। उस समय आयेशा ने हिजाब पहन रखा था।

२. चव्हाण की मोटरसाइकिल का पीछा २ कट्टरपंथी मोटरसाइकिल सवारों ने किया। उन्होंने आयेशा से कुछ कहा और उसे दूसरी ओर ले गए, जबकि चव्हाण को शेरा चौक पर ले जाया गया। वहां ३०० से ४०० मुसलमानों की भीड़ थी। उनमें से १० से १२ कट्टरपंथियों ने चव्हाण से पूछा, “इस लडकी से तुम्हारा क्या संबंध है? उसे लेकर कहां घूम रहे हो? और तुम क्यों उसके साथ घूम रही हो?” इसके बाद उन्होंने लोहे की छड़ और चॉपर जैसे धारदार हथियारों के साथ उन पर आक्रमण किया।

३. इस घटना के बाद वहां से जा रहे ५ से ६ हिंदुओं की दृष्टि पड़ी तो वे चव्हाण को बचाने के लिए वहां पर पहुंचे और उन्हें कट्टरपंथियों के चंगुल से बचाया।

४. चव्‍हाण ने यह समझाने का प्रयास किया कि हमारा प्रेमसंबंध नहीं है; हम काम के निमित्त यहां आए हैं । परंतु, धर्मांध युवक यह बात नहीं मानने को तैयार नहीं थे ।

५. उसके पश्चात वहां हिन्दुत्वनिष्ठ भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए । पश्चात पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे ।

धर्मांध युवकों ने लड़की के अभिभावकों से झूठ बोला कि आपकी लड़की मोहित के साथ जलपान गृह में मिली है और वह गलत काम कर रही थी । परंतु, आयेशा ने कहा, ‘इन लड़कों ने ही मुझे भद्दी गालियां दीं और पीटा भी । उसकी इस बात से चव्हाण को फंसाने का षड्यंत्र विफल हो गया ।

धर्मांध युवक आयेशा को दूसरी ओर ले गए थे । चव्‍हाण ने बहुत घायल होने पर भी कहा, ‘‘आयेशा के अभिभावकों ने मुझ पर विश्वास कर मेरे साथ उसे यहां भेजा है । जबतक वह नहीं आती, तबतक मैं अपना उपचार कराने चिकित्सालय नहीं जाऊंगा ।’’ तब पुलिस ने धर्मांधों के चंगुल से आयेशा को छुड़ाया और पुलिस की सुरक्षा में उसे थाने ले गई ।

संपादकीय भूमिका 

कहीं व्यावसायिक काम के लिए साथ आए हिन्दू युवक और मुस्लिम युवती को देखकर जान लेने पर उतारू कट्टरपंथी मुसलमान, तो कहीं लव जिहाद करने वाले मुस्लिम युवकों के खिलाफ शिकायत तक दर्ज न करने वाले हिंदू !