Radical Bangladeshi Leader In India : बांग्लादेश का कट्टरवादी नेता मुफ्ती जुबेर रहमानी भारत पहुंचा !
रहमानी भारत कैसे पहुंचा, इसकी जांच आरम्भ
नई देहली – बांग्लादेशी कट्टरतावादी नेता मुफ्ती महमुदुल हसन जुबेर उर्फ मुफ्ती जुबेर रहमानी हाल ही में बंगाल के हरिदासपुर सीमा चौकी से भारत पहुंचा है । संदेह है कि रहमानी का भारतविरोधी गतिविधियों में सहभाग है तथा ‘अन्सारुल्ला बांग्ला टीम’ नामक जिहादी संगठन के प्रमुखों से उसका संबंध है । भारतीय अधिकारी जांच कर रहे हैं कि वह भारत कैसे पहुंचा तथा वह यहां पर कौनसी गतिविधियों में लिप्त है । रहमानी प्रकरण में सरकार की भूमिका पर सभी दलों का ध्यान केंद्रित हुआ है । रहमानी ने देहली की इस्लामी संस्था एवं उत्तर प्रदेश की दारूल उलूम देवबंद से भेंट की है । (क्या भारत के लिए खतरनाक रहमानी को आडे हाथ लेकर उस पर कार्यवाही करने का धैर्य भारत सरकार दिखाएगी ? – संपादक)
Radical Bangladeshi leader Mufti Zubair Rahmani arrives in India !
Investigation underway to determine how Rahmani entered India.
Rahmani was recently released from prison.
Rahmani’s arrival in India has raised serious questions about the effectiveness of Indian security… pic.twitter.com/PorYVbllUA
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 15, 2024
रहमानी हाल में ही कारागृह से छूटा
रहमानी पर आरोप लगाया गया है कि वह सामाजिक माध्यमों से भारतविरोधी प्रचार कर रहा है तथा भारतविरोधी घटक, आतंकवादी एवं भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करनेवालों को समर्थन दे रहा है । ऐसा भी आरोप है कि वह ईशान की ओर रहे राज्यों को भारत से तोडने की मांग का समर्थन कर रहा है ।
पिछले माह में बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना हुई । इस सरकार ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी नामक राजनीतिक दल के दबाव में आतंकवादी नेताओं को कारागृह से मुक्त किया था । उस समय रहमानी को भी काशिमपुर मध्यवर्ती कारागृह से मुक्त कर दिया गया था । जमात-ए-इस्लामी नामक राजनीतिक संगठन को भूतपूर्व शेख हसीना सरकार ने अवैध घोषित किया था ।
संपादकीय भूमिकारहमानी के भारत पहुंचने के कारण भारतीय सुरक्षा तंत्र की कार्यक्षमता की अपकीर्ति (बदनामी) हुई है, यह निश्चित है । जिसकी भारत के शत्रु के रूप में पहचान है, वह रहमानी भारत में पहुंचता है तथा भारतीय तंत्र को उसकी जानकारी भी नहीं, यह संतापजनक ! |