आध्यात्मिक बल एवं हिन्दू राष्ट्र !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘एक एटम बम में लाखों बंदूकों का सामर्थ्य होता है, उसी प्रकार आध्यात्मिक बल में भौतिक, शारीरिक एवं मानसिक बल से अनंत गुना अधिक सामर्थ्य होता है । इसी कारण धर्मप्रेमी ‘संख्याबल अल्प होने पर भी हिन्दू राष्ट्र कैसे साकार होगा ?’, इसकी चिंता न करें ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिके