Namaj : बरेली (उत्तर प्रदेश) में मार्ग पर नमाजपठन करनेवाले मुसलमानों को पुलिस ने हटाया !
बरेली (उत्तर प्रदेश) – यहां आला हजरत के उरूस में (मुसलमानों के धार्मिक शोभायात्रा में) सम्मिलित होने हेतु आए कुछ युवक शुक्रवार, ३० अगस्त दोपहर खलील चौक में नमाजपठन के लिए मार्ग पर बैठे । इस समय पुलिस ने उन्हें मार्ग से हटा दिया । ‘ ये युवक मार्ग पर नमाजपठन हेतु बैठे थे । इसलिए यातायात में बाधा हुई थी । वह दूर करने के लिए इन युवकों को वहां से हटा दिया गया । पुलिस द्वारा बताया गया कि पडोस में ही उरूस मनाने हेतु मैदान होने से उन्हें वहां पर नमाजपठन करने के लिए कहा गया है ।’ (खुला मैदान उपलब्ध होते हुए भी मुसलमान मार्ग पर नमाजपठन करते हैं । इससे स्पष्ट होता है कि वे जानबूझकर यह कृति कर रहे हैैं ! – संपादक)
१. अखिल भारतीय रजा कृति समिति के युवा शाखा के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्ला रजा कादरी ने इस घटना पर क्राेध व्यक्त किया एवं कहा कि ‘कोतवाली पुलिस की अशोभनीय कृति के कारण आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए ।’ (पुलिसकर्मियों ने नियम के अनुसार कृति की, जबकि मुसलमानों ने नियमबाह्य आचरण किया । इसमें उनका समर्थन करनेवाले कादरी पर प्रथम कार्यवाही करना आवश्यक ! – संपादक)
२. उसी प्रकार यहां पर उरूस के संदर्भ में भित्तिपत्रक लगाए गए थे । वे रात्रि के समय फाडे गए है । इसलिए इससे संबंधित लोगों पर कार्यवाही करने की मांग भी कादरी ने की ।
मुसलमानों की शोभायात्रा को हिंदुओं का विरोध
‘खजुरिया जुल्फीकार’ क्षेत्र में दोपहर मस्जिद में चढाई चादर की शोभायात्रा निकालने से तनाव उत्पन्न हुआ था । गांव में रहनेवाले हिंदू समाज ने इसे ‘नई परंपरा’ कहते हुए विरोध किया । इज्जतनगर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक यशपाल सिंह ने बताया कि गांव से चादर की शोभायात्रा नहीं आई । कुछ लोगों ने शोभायात्रा निकालने का प्रयास किया, तो उसे विरोध किया गया । पश्चात दोनों ही पक्षों ने इस बात को स्वीकार किया कि गांव के ३०० मीटर के अंदर कोई शोभायात्रा नहीं आएगी।
संपादकीय भूमिकामूलत: पूरे देश में ही इस प्रकार की कृति पर प्रतिबंध लगाने हेतु आदेश दिया जाना चाहिए । धार्मिक कृति द्वारा यातायात *में बाधा उत्पन्न कर यदि कोई धर्मनिरपेक्ष देश में जनता को कष्ट पंहुचाता है, तो उस पर कार्यवाही करना आवश्यक है ! |