Dhaka Tribune : (और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमण धार्मिक नहीं, अपितु राजनीतिक !
बांग्लादेश के ‘ढाका ट्रिब्युन’ दैनिक के संपादक जाफर सोभन का हिन्दूद्वेषी दावा
ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना काे पद से हटाने के उपरांत भी हिन्दुओं पर अत्याचार चल ही रहे हैं । लूटमार, हिन्दुओं के घरों को जलाना, मंदिरों पर आक्रमण करना, हिन्दुओं को सार्वजनिक स्थान पर मारना ऐसी घटनाएं सामने आई हैं । बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख महंमद युनूस ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार हाेने की बात को स्वीकार किया है; परंतु बांग्लादेशी समाचारपत्र ‘ढाका ट्रिब्युनल’ के संपादक जाफर सोभन यह स्वीकार करने के लिए सिद्ध नहीं हैं । २३ अगस्त २०२४ को प्रकाशित ‘बांग्लादेश के विषय में भारत ने समझमें लेने की १० बातें’ शीर्षक के नीचे लेख में, जाफर सोभन ने बांग्लादेश के हिन्दुओं पर आक्रमण करने हेतु कानून एवं सुरक्षा को दोष देने का प्रयास किया तथा कहा है कि ‘यह धार्मिक नही, अपितु राजनीतिक हिंसा थी ।’,
Attacks on Hindus are not religious but political! – Anti-Hindu claim by Zafar Sobhan, editor of Bangladesh’s ‘Dhaka Tribune’
If editors of Bangladeshi media are like this, how will the world ever learn the truth and factual information about the attacks on Hindus there?… pic.twitter.com/zG5Q2ky9p8
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 27, 2024
१. लेख के ठीक आरंभ में सोभन ने दावा किया है कि देश में हिन्दुओं पर संकट नहीं है । शेख हसीना देश से जाने के पश्चात प्रथम अराजकता थी, कानून एवं सुरक्षा की स्थिति खराब हो गई थी । दुर्भाग्यवश जिन लोगों को लक्ष्य किया गया था, उनमें कुछ हिन्दू समुदाय के थे ।
२. जाफर सोभन ने आगे लिखा कि ऐसे समय में जिन लोगाें को लक्ष्य किया जा रहा है, वे दुर्बल घटक के हैं । (बांग्लादेश में समाज के निर्धन तथा धनवान सभी स्तर के हिन्दुओं को लक्ष्य किया गया । सोभन चूक जानकारी दे रहे हैं ! – संपादक) हम सब को ज्ञात है कि दक्षिण एशिया में अल्पसंख्यक सदैव असुरक्षित होते हैं । (दक्षिण एशिया के बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देशों में अल्पसंख्यक हिन्दू असुरक्षित हैं । इसके विपरीत भारत के अल्पसंख्यक मुसलमान दिन-ब-दिन उद्दंड होते जा रहे हैं ! – संपादक)
३. जाफर सोभान ने कहा कि हिन्दुओं का नरसंहार करने हेतु उन्हें लक्ष्य किया गया, ऐसे कहना (कल्पनारम्य ) काल्पनिक आनंद की बात है । (यदि ऐसा है, तो बांग्लादेश की निर्मिति के समय की हिन्दुओं की ८ प्रतिशत जनसंख्या घट कर अब उससे अल्प क्यों हो गई है ? – संपादक)
४. भारत के साम्यवादी वृत्तसंकेतस्थल ‘स्क्रोल’ ने अपने संकेतस्थल पर जाफर सोभन का लेख प्रदर्शित किया । पत्रकार शेखर गुप्ता के ‘द प्रिंट’ वृत्तसंकेतस्थल ने भी यह लेख प्रकाशित किया । (बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हुए अत्याचार राजनीति से प्रेरित थे, यह नेरेटिव (कथानक) प्रसारित करने हेतु भारत के साम्यवादी प्रसारमाध्यम किस प्रकार प्रयास कर रहे हैं, इसका यह उदाहरण ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकायदि बांग्लादेश के प्रसारमाध्यमों के संपादक ऐसे हैं, तो हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमणों के विषय में सत्य तथा वस्तुनिष्ठ जानकारी विश्व के समझमें कैसे आएगी ? |