‘रैंप जिहाद’ : हिन्दू महिलाओं के साथ षड्यंत्र !
(‘रैंप जिहाद’ का अर्थ है फैशन शो अथवा सौंदर्य वर्धनालय (ब्यूटी पार्लर्स) के माध्यम से हिन्दू लडकियों को फंसाकर उन्हें लव जिहाद के जाल में फंसाना)
१. सौंदर्य उत्पाद बेचने की आड में ‘ब्यूटी पार्लर्स’ पर (सौंदर्य वर्धनालयों पर) जिहादी मुसलमानों का नियंत्रण
‘अब तक आपने अनेक जिहाद सुने अथवा देखे होंगे; परंतु हिन्दू महिलाओं के साथ ऐसा ही एक और जिहाद चल रहा है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे तथा वह है ‘रैंप शो !’ जिन फैशन-माफियाओं में देश के अधिकांश ब्यूटी पार्लर मुसलमानों ने ‘हाइजैक’ (नियंत्रण स्थापित) कर लिया है । ऐसा एक भी पार्लर नहीं है, जिसमें सौंदर्य उत्पाद बेचने के बहाने मुस्लिम विक्रेता नहीं जाते । ९० प्रतिशत से अधिक मुस्लिम लडके पार्लरों में उत्पादों की आपूर्ति का काम करते हैं । मेहंदी लगाने का काम अधिकतर मुस्लिम लडके ही करते हैं । १०० मुस्लिम लडके बाजार में महिलाओं को मेहंदी लगाने का काम करते हैं । वे हमारी हिन्दू बहनों एवं लडकियों को मेहंदी लगाते हैं । मेहंदी लगाते-लगाते उन्हें हिन्दू लडकियों की संपूर्ण जानकारी मिल जाती है । उसके कुछ दिन उपरांत वे उस लडकी से निकटता बढाकर उसपर अत्याचार करते हैं तथा उसके उपरांत एक दिन वह लडकी किसी सूटकेस में अथवा फ्रीज में मृत अवस्था में मिलती है ।
२. तथाकथित ‘फैशन शो’ के स्वरूप
इसी प्रकार विगत कुछ वर्षों से धर्मनिरपेक्षतावादियों ने एक जो नया काम आरंभ किया है, उसे हम ‘फैशन शो’ अथवा ‘इवेंट’ कहते हैं । उसका आयोजन करनेवाले लगभग सभी मुस्लिम ही होते हैं तथा उसमें कुछ हिन्दू सहभागी होते हैं । ब्यूटी पार्लर्स के माध्यम से वामपंथी विचारधारावाले ऐसे कार्यक्रमों के टिकट हिन्दू लडकियों को बेचे जाते हैं । इस कार्यक्रम में लडकियों का चयन भी मुस्लिम ही करते हैं । इस कार्यक्रम में जिन विख्यात व्यक्तियों को (सेलिब्रिटी) आमंत्रित किया जाता है, उनमें लगभग ९० प्रतिशत मुस्लिम ही होते हैं । जब कार्यक्रम आरंभ होता है, उस समय उसके निरीक्षक भी मुस्लिम ही होते हैं; क्योंकि उनके पंच (ज्यूरी) भी मुस्लिम होते हैं । ऐसे कार्यक्रमों में केवल हिन्दू लडकियां तथा महिलाएं ही सम्मिलित होती हैं । उसमें उन्हें ‘रैंप’ पर चलाया जाता है, तंग कपडों में पाश्चात्य पद्धति से घूमने को कहा जाता है तथा उन्हें भिन्न-भिन्न रूपों में प्रस्तुत किया जाता है, साथ ही इस पूरे कार्यक्रम का वीडियो बनाया जाता है ।
फैशन शो एवं कार्यक्रमों की जानकारी कहां से तथा कैसे प्राप्त करनी है ?हमने जब पहले कार्यक्रम पर छापामारी की, उस समय अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ लोग हमारे साथ जुड गए । उनमें से कुछ लोग हमारे साथ सम्मिलित हुए, वे हमें इसकी जानकारी देते हैं । अब जहां-जहां ऐसे कार्यक्रम होंगे, वहां-वहां हम उन्हें रोकने का प्रयास करते रहेंगे । आपके शहर में यदि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होने की बात ध्यान में आए, तो वहां लोकतांत्रिक पद्धति से एकत्रित विरोध करें । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को भी उसकी जानकारी दें । वे भी आपका सहयोग करेंगे । हम अभी नहीं जागे, तो हमें शाश्वत रूप से सोना ही पडेगा, यह निश्चित है; क्योंकि जो स्वयं की सहायता नहीं कर सकता, ईश्वर भी उसकी सहायता नहीं करते ।’ – साध्वी आत्मनिष्ठा, जबलपुर, मध्य प्रदेश. |
३. इस्लामी देशों में लडकियों की बिक्री
इस प्रकार से सभी मुस्लिम देशों में वीडियो के साथ इन लडकियों की पूरी जानकारी भेजी जाती है । इस्लामी देशों में कार्यरत जिहादी मानसिकतावाले शेख इन लडकियों के वीडियोज देखते हैं । उसके उपरांत उन्हें इनमें से जो लडकी अच्छी लगती है, उसके लिए भारत में बैठे जिहादी मुस्लिम को बडी मात्रा में पैसे भेजे जाते हैं । उसके उपरांत उस लडकी को अनेक प्रकार के लालच देकर भारत के बाहर भेज दिया जाता है । उसके उपरांत उस लडकी का क्या होगा, इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते । वह लडकी लालच के झांसे में आ जाती है । उसे जिस इस्लामी देश के शेख के पास भेजा जाता है; वह शेख, क्या वह लडकी इससे पूर्व अन्य किसी पुरुष के संपर्क में थी, यह जानने के लिए उसका चिकित्सकीय परीक्षण करवाता है । यदि वह लडकी किसी पुरुष के संपर्क में आई हो, तो वह उसे सीधे वेश्यालय भेज देता है तथा यद्यपि इस परीक्षण में वह लडकी उचित पाई गई, तो वह शेख एक रात के लिए उस लडकी से विवाह करता है । यदि वह लडकी उसे अच्छी लगी, तो वह उसके साथ और २-४ रातें व्यतीत करता है । जब वह संतुष्ट हो जाता है, तब उस लडकी को भी वेश्यालय भेज दिया जाता है । लडकी ने यदि ऐसा करना अस्वीकार किया, तो उसकी हत्या कर दी जाती है तथा अनेक मुस्लिम जिहादी उस लडकी के शव का सामूहिक बलात्कार करते हैं । उसके उपरांत उसके सभी अंग बेचे जाते हैं । पिछले अनेक दशकों से यह शृंखला चल रही है ।
४. ‘फैशन शो’ के माध्यम से ५० प्रतिशत महिलाएं लापता
एक वर्ष पूर्व जबलपुर में राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग ने (‘एन.आई.ए.’ ने) छापामारी की थी, उस समय जिहाद का यह स्वरूप सामने आया । उसमें एक मुस्लिम अधिवक्ता को गिरफ्तार किया गया । इस छापामारी में उससे अनेक सिम कार्ड्स, चल-दूरभाष संच, हार्ड डिस्क, प्रचुर मात्रा में गोला-बारूद, हथियार, साथ ही अनेक हिन्दू लडकियों तथा महिलाओं की व्यक्तिगत जानकारी के साथ वीडियोज मिले । इस अधिवक्ता का भांजा ‘फैशन शो’ में भाग लेनेवाली लडकियों का नृत्यनिर्देशन भी करता है । हमें इस संपूर्ण षड्यंत्र की जानकारी मिलते ही हमने जबलपुर शहर के सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की एकत्रित बैठक ली । उसमें हमने प्रस्ताव पारित किया कि ‘हम ऐसे कार्यक्रम अथवा ‘फैशन शो’ नहीं होने देंगे । ऐसे कार्यक्रमों से ५० प्रतिशत हिन्दू लडकियां तथा महिलाएं निरंतर लापता हो रही हैं, जो कभी भी वापस नहीं मिलतीं । हिन्दू समाज को खोखला बनाने में इन मुसलमानों ने कोई कसर नहीं छोडी है । हिन्दू भाई-बहनों से मेरा यह निवेदन है कि आपको अपने घर की बहू-बेटियों पर २४ घंटे ध्यान रखने की आवश्यकता है; अन्यथा वह दिन बहुत दूर नहीं है, जब हमारे पास कुछ भी शेष नहीं रहेगा । हिन्दू संगठन संपूर्ण क्षमता के साथ अपना काम कर रहे हैं; परंतु स्वयं को आत्मभान हुए बिना कोई कुछ भी नहीं कर सकता । ये धर्मनिरपेक्षतावादी हर प्रकार से प्रयास कर रहे हैं; इसलिए हमें भी सतर्क रहने की आवश्यकता है । सभी हिन्दू संगठनों को साथ लेकर हमने लगभग ४० ‘फैशन शोज’ तथा कार्यक्रमों को रोकने का प्रयास किया, जिसमें हमें सफलता भी मिली है ।
– साध्वी आत्मनिष्ठा, जबलपुर, मध्य प्रदेश