Kolkata Doctor Rape Case : आर.जी. कर चिकित्सालय के पूर्व प्रमुख डॉ. संदीप घोष की लगातार ६४ घंटे जांच !

चिकित्सालय के तत्कालीन उप अधीक्षक अख्तर अली द्वारा घोष पर गंभीर आरोप !

डॉ. संदीप घोष

कोलकाता (बंगाल) – यहां के आर.जी. कर चिकित्सालय में ३१ वर्षीय महिला चिकित्सक का बलात्कार एवं हत्या की घटना के विरुद्ध कोलकाता में निरंतर आंदोलन चालू हैं । २१ अगस्त को यहां के स्वास्थ्य भवन के समीप आजतक का सबसे बडा मोर्चा निकाला गया था । इसमें सहस्रों चिकित्सक सहभागी हुए थे । ऐसे में सीबीआइ ने इस चिकित्सालय के पूर्व प्रमुख प्रा. संदीप घोष की बराबर ६४ घंटे जांच की । एकंदर पिछले वर्ष घोष के विरुद्ध गंभीर आरोप लगानेवाले आर.जी. कर चिकित्सालय के तत्कालीन पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली ने घोष पर नए से गंभीर आरोप लगाए हैं । अली ने कहा, ‘संदीप घोष निराश्रित मृतदेहों के विक्रय के साथ ही अनेक अवैध कामों में सहभागी थे । वर्ष २०२३ तक चिकित्सालय के जैव चिकित्सकीय कचरा (कुडा) एवं चिकित्सकीय उपकरणों की तस्करी करने में घोष लिप्त थे । राज्य सतर्कता आयोग से परिवाद करने पर जांच में घोष दोषी पाए गए । ऐसा होते हुए भी उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की गई ।’ (यह है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्रशासन ! – संपादक)

महिला चिकित्सक हत्या के निषेध में डॉ. घोष ने आर.जी. कर चिकित्सालय के अपने पद का त्यागपत्र दिया । उसके उपरांत कुछ घंटों में ही कोलकाता चिकित्सकीय महाविद्यालय में उनकी प्रधानाध्यापक के रूप में नियुक्ति की गई । कोलकाता उच्च न्यायालय ने इस संदर्भ में सरकार को फटकारा तथा घोष को अनिश्‍चित समय के लिए छुट्टी पर भेज दिया ।

अख्तर अली ने दावा करते हुए कहा,

अख्तर अली

१. डॉ. घोष के विरुद्ध जांच ब्योरा प्रस्तुत करने से उसी दिन उनका स्थानांतरण !

अख्तर अली ने डॉ. घोष के विरुद्ध का जांच ब्योरा राज्य के स्वास्थ्य विभाग, बंगाल के राज्यपाल, साथ ही राष्ट्रपति को भी भेजा था; परंतु स्वास्थ्य विभाग ने इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं की । तदनंतर अली का ही चिकित्सालय से स्थानांतरण किया गया । अली ने कहा, ‘जिस दिन मैंने जांच ब्योरा प्रस्तुत किया, उसी दिन मेरा स्थानांतरण किया गया । जांच समिति के अन्य दो सदस्यों का भी स्थानांतरण किया गया । छात्रों को घोष से बचाने हेतु मैंने यथासंभव सभी प्रयास किए; परंतु मैं असफल रहा ।’

२. छात्रों से ले रहे थे रिश्वत !

चिकित्सकीय छात्रों को उत्तीर्ण (पास) करने हेतु घोष रिश्वत मांगते थे । महाविद्यालय के कुछ छात्रों को जानबूझकर अनुत्तीर्ण (नापास) किया गया ।

३. चिकित्सालय के विश्रामगृह में देहव्यापार (वेश्याव्यवसाय) ?

चिकित्सालय के विश्रामगृह में (‘गेस्ट हाऊस’ में) कुछ लोगों द्वारा वेश्याओं को लाया जाता था । मैंने स्वयं उसकी निश्चिती की थी । मैंने वहां सी.सी.टी.वी. लगा लिए थे; परंतु थोडे समय के उपरांत मेरे ध्यान में आया कि उन्हें हटा दिया गया था । वहां रात्रि पारी करने के लिए मुझ से कनिष्ठ उप अधीक्षक के निवास की सुविधा होती थी; परंतु जब इस प्रकार बाहर से लडकियों को लाया जाने लगा, तब से उप अधीक्षक को निवास के लिए मना कर दिया गया ।

डॉ. घोष के विरुद्ध आवाज उठाने से प्राण संकट में !

अख्तर अली ने डॉ. संदीप घोष के विरुद्ध पिछले वर्ष गंभीर आरोप लगाने के उपरांत उनका केवल स्थानांतरण ही नहीं, अपितु उन्हें जान से मार डालने की धमकी भी मिलने लगी । उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी के भ्रमणदूरभाष पर भी धमकियां आने लगी । सबसे पहले मेरा परिवार सुरक्षित रहना चाहिए । अब मैं एक निजी चिकित्सालय में कार्यरत हूं ।’ ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि ने अली से अधिक जानकारी ज्ञात करने हेतु उन्हें संपर्क किया था । तब उनसे संपर्क नहीं हो सका ।