Malaysian PM On Zakir Naik : (और इनकी सुनिए…) ‘पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत करने पर जाकिर नाईक के विरुद्ध कार्यवाही करने का विचार करेंगे !’ – मलेशिया के प्रधानमंत्री अन्वर इब्राहिम

  • मलेशिया के प्रधानमंत्री अन्वर इब्राहिम का वक्तव्य !

  • दावा किया कि भारत ने जाकिर नाईक का सूत्र कभी उपस्थित किया ही नहीं

मलेशिया के प्रधानमंत्री अन्वर इब्राहिम और जाकिर नाईक

नई देहली – आज तक भारत ने जाकिर नाईक का सूत्र कभी उपस्थित नहीं किया । प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक वर्ष पहले यह सूत्र उपस्थित किया था; परंतु वह किसी व्यक्ति के बारे में नहीं था, अपितु आतंकवादी भावनाओं के बारे में था । पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत करने पर जाकिर नाईक के विरुद्ध कार्यवाही करने का विचार कर सकते है । जाकिर के मामले में उपलब्ध सभी प्रमाणों का मलेशिया सरकार स्वागत करेगी, ऐसा वक्तव्य मलेशिया के प्रधानमंत्री अन्वर इब्राहिम ने जिहादी जाकिर नाईक के प्रत्यार्पण पर दिया । प्रधानमंत्री अन्वर इब्राहिम भारत की यात्रा पर हैं । यहां के एक कार्यक्रम में उन्हें प्रश्न पूछा जाने पर उन्होंने उपर्युक्त वक्तव्य दिया ।

प्रधानमंत्री अन्वर इब्राहिम ने आगे कहा कि हम आतंकवाद को प्रोत्साहन नहीं देते हैं । आतंकवाद का सामना करने हेतु हम भारत के साथ काम कर रहे हैं । जाकिर नाईक जैसे एक सूत्र का दोनों देशों के संबंधों पर प्रभाव न हो, ऐसा भी उन्होंने कहा ।

भारत से भाग गए जाकिर नाईक को मलेशिया की ओर से सरकारी सुरक्षा !

प्रक्षोभक भाषण, आर्थिक गैरव्यवहार और आतंकवाद से संबंधित मामलों में भारत जाकिर नाईक को चाहता है । वर्ष २०१६ में वह भारत से सऊदी अरेबिया में भाग गया था । वहां से मलेशिया गया । वहां मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर महंमद ने उसे सरकारी सुरक्षा प्रदान की ।

भारत अल्पसंख्यकों के बारे में उचित भूमिका अपनाता रहेगा, ऐसी अपेक्षा !

प्रधानमंत्री अन्वर ने इस कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत सरकार को अल्पसंख्यकों अथवा धार्मिक भावनाओं पर परिणाम करनेवाली कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड रहा है, मैं इसकी उपेक्षा नहीं कर रहा हूं; परंतु इसका सामना करने के लिए भारत उसकी उचित भूमिका अपनाता रहेगा, ऐसी आशा है ।’’ भारत और मलेशिया के बीच के द्विपक्षीय संबंधों में धीरे-धीरे सुधार होने लगा है, ऐसे समय में इब्राहिम यांनी यह वक्तव्य दिया है ।

भारत ओर मलेशिया के बीच के वर्तमान संबंध !

भारत ने ५ अगस्त २०१९ को जम्मु-कश्मीर से धारा ३७० हटाने के उपरांत मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर महंमद ने उसकी आलोचना की थी । नागरिकता सुधार कानून के (‘सीएए’ के) संदर्भ में भी महाथिर ने भारत की निंदा की थी । इसपर तीव्र आपत्ति उठाते हुए भारत ने  मलेशिया से होनेवाली पाम तेल की आयात बंद की थी ।

संपादकीय भूमिका 

  • इसका अर्थ ऐसा ही हो रहा है कि, ‘भारत ने जो कुछ भी प्रमाण प्रस्तुत किए, वे पर्याप्त नहीं हैं’, ऐसा मलेशिया कहना चाहता है । पाकिस्तान भी जिहादी आतंकवादियों के बारे में भारत को यही बताता है और मलेशिया भी वही कह रहा है । इससे यही स्पष्ट होता है कि मलेशिया जाकिर को भारत के पास कभी नहीं सौंपेगा !
  • भारत न मुंबई बमविस्फोट के मुख्य सूत्रधार आतंकवादी दाऊद इब्राहीम को पाकिस्तान से भारत ला सका, न ही मुंबई के २६/११ के आक्रमण के आतंकवादियों को पाकिस्तान से भारत में ला सका, न ही बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को ब्रिटेन से भारत ला सका और न ही भारत में द्वेष फैलाने वाले जाकिर नाईक को मलेशिया से भारत में ला सका ! ये सभी देश जब तक इन अपराधियों को भारत के पास नहीं सौंपते, तब तक उनके साथ कोई व्यवहार न करने की ठोस भूमिका भारत को अपनानी चाहिए !