ISLAMIC BANGLASTHAN : ‘जमात-ए-इस्लामी’ का ‘इस्लामिक बांग्लास्तान’ बनाने का षड्यंत्र !
भारत के संपूर्ण बंगाल, झारखंड एवं बिहार राज्य तथा नेपाल एवं म्यानमार देशों के कुछ क्षेत्रोंं का समावेश !
ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश में हिंसा करनेवाला जिहादी संगठन ´जमात-ए-इस्लामी´ द्वारा ‘इस्लामिक बांग्लास्तान’, अर्थात अखंड बांग्लादेश बनाने का षड्यंत्र रचाए जाने की बात उजागर हुई है । बांग्लादेश के ‘वर्तमान’ दैनिक ने इस संदर्भ में एक समाचार प्रसारित किया है, जिसमें इस विषय की जानकारी दी गई है । ‘इस्लामिक बांग्लास्तान’ में बांग्लादेश, भारत का संपूर्ण बंगाल तथा झारखंड एवं बिहार राज्य के तथा नेपाल एवं म्यानमार देशों के कुछ क्षेत्र सम्मिलित करने की बात कही जा रही है । ‘जमात-ए-इस्लामी’ संगठन ‘गजवा-ए-हिंद’ का (भारत का इस्लामीकरण करने का) उद्देश्य पूर्ण करना चाहता है । इसलिए बांग्लादेश की सीमा पर स्थित भारत के राज्यों पर इस संगठन की दृष्टि है । सामाजिक माध्यम से ‘ग्रेट बांग्लादेश’ के नाम के नीचे कुछ नक्शे प्रसारित हो रहे हैं, जिनमें बांग्लादेश के साथ बंगाल तथा भारत के कुछ राज्य सम्मिलित हैं ।
भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी ने सामाजिक माध्यम से इस समाचारपत्र का समाचार प्रसारित करते समय कहा है कि ‘झारखंड के साथ पूरे देश के लिए बांग्लादेश की परिस्थिति तथा धर्मांधों का उद्देश्य अत्यंत संवेदनशील है । ऐसा भी कहा गया है कि झारखंड में जिस पद्धति से एकाएक बांग्लादेशी मुसलमानों की संख्या बढने लगी है, इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस एवं झारखंड मुक्तिमोर्चा पक्ष भी कट्टरपंथियों को उनका उद्देश्य पूर्ण करने हेतु साथ दे रहे है’ ।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, झारखंड के बड़े हिस्से(संथाल बहुल इलाके), बिहार का किशनगंज जिला, पश्चिम बंगाल, अधिकांश उत्तर पूर्वी राज्य, नेपाल और म्यांमार के कुछ हिस्से को मिलाकर 'बांग्लास्तान' नामक देश बनाने की साजिश चल रही है।
5 अगस्त को शेख हसीना सरकार की तख्तापलट के बाद… pic.twitter.com/4jTUK4kGPu
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 14, 2024
‘जमात-ए-इस्लामी’ का इतिहास !
वर्ष १९४१ में मौलाना अबुल अला मौदूदी ने इस संगठन को स्थापित किया । भारत के विभाजन के पश्चात अलग-अलग गुट में जमात-ए-इस्लामी का बटवारा हुआ । ´जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश´ तथा ´जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान´ समान अलग-अलग संगठन बने । वर्ष १९७१ में बांग्लादेश की निर्मिति को जमात-ए-इस्लामी ने विरोध किया था । यह संगठन आज भी पाकिस्तान समर्थक के रूपमें जाना जाता है । इस संगठन को पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आइ.एस्.आइ.का हस्तक कहा जाता है ।
संपादकीय भूमिकाभारत का इस्लामीस्तान होने से पूर्व हिंदुओं को ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु कटिबद्ध होना चाहिए ! |