Interim Government To Sheikh Hasina : (और इनकी सुनिए…) ‘बांग्ला देश में लौट आईए; परंतु अराजकता न फैलाए !’

अंतरिम सरकार का शेख हसीना से निरर्थक आवाहन

अंतरिम सरकार के गृह व्यवहार परामर्शदाता ब्रिगेडियर जनरल (निवृत्त) एम्. सखावत हुसेन और भूतपूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना

ढाका (बांग्ला देश) – बांग्ला देश की अंतरिम सरकार ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांगला देश में लौटने का आवाहन किया है; परंतु उसी समय देश में लौटने पर अराजकता न फैलाने का परामर्श भी दिया है ।

अंतरिम सरकार के गृह व्यवहार परामर्शदाता ब्रिगेडियर जनरल (निवृत्त) एम्. सखावत हुसेन ने शेख हसीना को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपनी स्वेच्छा से चली गई है । आप अपने देश में वापस लौट सकती हो; परंतु यहां आकर कोई अराजक न फैलाना; क्योंकि लोग और भी आक्रोशित हो जाएंगे । आप लौट सकती हो; परंतु देश को अराजकता में न धकेलो । नए लोगों के साथ अपनी पार्टी फिर से बनाईए, ऐसा परामर्श भी उन्होंने दिया ।

(और इनकी सुनिए…) ‘धर्म अथवा जाति के नाम पर भेदभाव न करें !’

महंमद युनूस द्वारा ढाकेश्वरी मंदिर की भेंट

यदि भेदभाव नहीं करना चाहते है, तो महंमद युनूस को कोई भेदभाव न करते हुए हिन्दुओं पर आक्रमण करनेवालों पर कठोर कार्यवाही करनी होगी और हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने होंगे !

अंतरिम सरकार के प्रमुख महंमद युनूस ने १३ अगस्त को सवेरे बांग्ला देश की राजधानी ढाका स्थित ढाकेश्वरी मंदिर को भेंट दी । इस समय उन्होंने हिन्दुओं से चर्चा की । इस समय ‘मायनॉरिटी राईट्‍स मुवमेंट’ नामक संगठन के ५ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने महंमद युनूस से भेंट कर उनके पास ८ मांगों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । महंमद युनूस ने इस समय कहा कि हम ऐसे बांग्ला देश का निर्माण करना चाहते है, जो एक परिवार जैसा होगा । एक परिवार में भेदभाव और झगडों का प्रश्न ही नहीं उठता । हम सभी बांग्ला देश के लोग हैं । हम सभी यहां शांतिपूर्वक रह सकते हैं, इसकी निश्चिती हमें करनी है । कानून सभी को एक जैसा है । अपने समाज में ऐसा भेदभाव करने की आवश्यकता नहीं है । हमें इसमें सुधार लाना होगा । यह (भेदभाव का) रोग जड से नष्ट करना आवश्यक है । धर्म अथवा जाति के आधार पर भेदभाव न करें । देश की सभी जनता के लिए एक ही कानून और एक ही संविधान होना चाहिए । हम इस देश के नागरिक हैं, इसकी निश्चिती करनी होगी ।

संपादकीय भूमिका 

बांग्ला देश में लौटने पर क्या शेख हसीना सुरक्षित रह पाएगी ? क्या इसकी निश्चिती अंतरिम सरकार दे पाएगी ? और क्या उस पर विश्वास करना संभव होगा ?