Hindenburg Research On SEBI : सरकारी संस्था सेबी की ‘अध्यक्षा’ का अडानी के आर्थिक गैरकारोबार से संबंध !
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न्यूयॉर्क (अमेरिका) – निवेश के संबंध में शोध करने वाली अमेरिकी कंपनी ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च कॉरपोरेशन’ ने पिछले वर्ष भारत के अडानी उद्योग समूह पर अत्यंत गंभीर आरोप लगाए थे । इसे तथ्यहीन बताकर उच्चतम न्यायालय ने जनवरी २०२४ में इसे नकार दिया था । ऐसा हुआ, तो भी अब इस कंपनी ने सीधे सरकारी संस्था सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया अर्थात ‘सेबी’ की विद्यमान अध्यक्षा माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच इन दोनों का अडानी के घोटाले से संबंध होने का आरोप लगाया है ।
क्या कहा है ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ ने ?
‘हिंडेनबर्ग’ कंपनी का कहना है कि, ‘सेबी’ की अध्यक्षा माधवी बुच और उनके पति की घोटाले में प्रयोग किए गए बरमूडा और मॉरीशस इन देशों में हुए निवेश में भागीदारी थी । इसी का लाभ विनोद अडानीको मिला । इस कारण सेबी ने इतने बडे घोटाले के प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की । उसने आश्चर्यजनक रीति से कार्यवाही के विषय में निराशा दिखाई । विशेषता यह कि उन्हें इस घोटाले की पूर्व जानकारी थी; परंतु उन्होंने इस प्रकरण में कोई भी कार्यवाही न करते हुए हिंडेनबर्ग को ही नोटिस भेजी ।
हिंडेनबर्ग ने कहा कि, हमने अडानी समूह के घोटालों पर १०६ पृष्ठों का ब्योरा सेबी को दिया था । उसने ‘आवश्यक साक्ष्य नहीं’, ऐसा कहकर अडानी समूह पर कार्यवाही टाल दी ।
हमारे सभी आर्थिक लेन-देन खुली पुस्तक के समान ! – ‘सेबी’ की अध्यक्षा
सेबी की अध्यक्षा माधवी बुच और उनके पति ने ‘हिंडेनबर्ग’ के आरोपों पर एक संयुक्त निवेदन जारी करते हुए कहा कि, यह सभी आरोप निराधार हैं । साथ ही हमारे सभी आर्थिक लेन-देन खुली पुस्तक के समान हैं । संबंधित सभी कागजात हमने सेबी को प्रस्तुत किए हैं । इसके अतिरिक्त सेबी की अध्यक्षा बनने के पूर्व के कागजात भी प्रस्तुत करने में हमें कोई भी संकोच नहीं । इसके पूर्व सेबी ने हिंडेनबर्ग रिसर्च एवं कार्यवाही की है । इसी कारण हमारा चरित्रहनन करने का प्रयास हिंडेनबर्ग की ओर से किया जा रहा है, ऐसा आरोप भी उन्होंने लगाया ।
सभी आरोप निराधार एवं दुर्भावना पूर्ण होते हुए वस्तुस्थिति से छेडछाड करने वाले हैं ! – अडानी उद्योगसमूह
दूसरी ओर अडानी उद्योगसमूह ने भी इस पर उसकी भूमिका प्रस्तुत की है । उद्योगसमूह ने कहा कि, हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा नए ब्योरे से किये गये सभी आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं तथा वस्तुस्थिति को बदलकर प्रस्तुत किए गए हैं । हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप हम पूर्णरूप से नकारते हैं । इसके पूर्व किए गए सभी आरोप पूर्णरूप से निराधार होने की बात सिद्ध हुई थी । हमारी विदेश की आर्थिक संरचना पूर्णरूप से पारदर्शक है । सभी तथ्य और जांचें अनेक सार्वजनिक कागजातों में नियमित रूप से प्रदर्शित की जाती हैं । साथ ही अपकीर्ति करने के इस हेतु परस्पर प्रयासों में बताया गया व्यक्ति का नाम अथवा घटना का अडानी समूह से कोई भी व्यावसायिक संबंध नहीं !
संपादकीय भूमिकाअडानी उद्योग समूह का सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंध होने की बात बताकर विरोधी पार्टियां प्रधानमंत्री को फंसाने में लगी हैं । पिछले वर्ष ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ कंपनी की ओर से किए गए सभी आरोप निराधार होने की बात सिद्ध होने के उपरांत अब नए सिरे से एक सरकारी संस्था पर ही आरोप लगाए जा रहे हैं । इससे इसके राजनीतिक षड्यंत्र होने की बात नकारी नहीं जा सकती ! |