Waqf Property : लाल किला, ताजमहल इत्यादि के साथ पूरा भारत वक्फ बोर्ड को दे दो !
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गुरपालसिंह अहलुवालिया ने अधिवक्ताओं को लगाई फटकार !
भोपाल (मध्य प्रदेश) – वक्फ बोर्ड से संबंधित मध्य प्रदेश की एक संपत्ति के बारे में चल रही सुनवाई के समय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गुरपालसिंह अहलुवालिया ने वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं को फटकार लगाई । ‘वक्फ बोर्ड के नाम पर संपत्ति घोषित कैसे हुई ?’, ऐसा प्रश्न उन्होंने अधिवक्ताओं से पूछा । इसपर अधिवक्ता कुछ उत्तर नहीं दे सके । तब न्यायमूर्ति आक्रोशित हुए । उन्होंने कहा, ‘‘कल आप लाल किला, ताजमहल इत्यादि के साथ पूरा भारत ही वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दोगे !’’
१. न्यायमूर्ति अहलुवालिया ने अधिवक्ताओं से पूछा, ‘कल यदि वक्फ बोर्ड किसी सरकारी कार्यालय को बताएगा, तो क्या वह संपत्ति वक्फ संपत्ति होगी ? क्या आप कोई भी संपत्ति वक्फ संपत्ति घोषित करोगे ? मुझे कहना पड रहा है कि पूरे भारत को आपने वक्फ संपत्ति घोषित किया है, यह कैसे संभव है ?’
२. ‘क्या वक्फ बोर्ड से संबंधित यह संपत्ति ऐतिहासिक वास्तू के नाम से अधिसूचित है ?’, इसपर आपका उत्तर क्या है, ऐसा प्रश्न भी न्यायमूर्ति ने किया ।
३. इसपर अधिवक्ता ने कहा कि प्राचीन स्मारक कानून के अनुसार केंद्र सरकार के संबंधित विभाग द्वारा संपत्ति की रक्षा की जा सकती है; परंतु स्वामित्व का अधिकार वक्फ बोर्ड के पास रहेगा । यह संपत्ति वर्ष १९८९ में वक्फ बोर्ड को दे दी गई थी ।
४. इसपर न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘वर्ष १९८९ में इसपर वक्फ बोर्ड का स्वामित्व कैसे घोषित हुआ ? यह कोई नहीं जानता कि वर्ष १९८९ की अधिसूचना के पहले यह संपत्ति किसकी थी ? किसी ने कहा और उसे वक्फ संपत्ति घोषित किया गया ।’’
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओ, उच्च न्यायालय के एक न्यायमूर्ति के ऐसे गंभीर वक्तव्य से आप वक्फ बोर्ड के नाम पर चल रहे ‘लैंड जिहाद’ की भीषणता की कल्पना कर सकते हैं ! आपके स्थानीय सांसदों से मिलकर उन्हें वक्फ कानून निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए बताएं ! |