ADR Report : एडीआर का दावा है कि चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव के आंकडों में गडबडी है !

एक माह पहले दैनिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रक्षोत हुआ था समाचार !

(‘ए.डी.आर.’ नामक एक गैर-राजनीतिक संगठन का अर्थ है ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’)

मुंबई, 2 अगस्त (न्यूज) – दैनिक ‘सनातन प्रभात’ ने पहली बार २३ जून २०२४ को उजागर किया कि केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक रूप से दिए गए लोकसभा चुनाव के मतदान आंकडों में विसंगति थी, जो चुनाव का आधिकारिक स्रोत है। २ दिन पहले गैर राजनीतिक संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ के संस्थापक जगदीश चोकर समेत कुछ प्रमुख पत्रकारों ने इसी प्रकार के विरोध में आपत्ति जताई है । जगदीश चोकर ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में ‘ईवीएम’ मशीनों के वोटों एवं सीधे गिने गए वोटों के बीच विसंगति है।

१. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एक गैर-राजनीतिक संगठन है जो पिछले २५ वर्षों से चुनावी एवं राजनीतिक सुधारों के लिए काम कर रहा है। इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जगदीश छोकर ने ये सूत्र प्रस्तुत किए हैं ।

२.  इसमें उन्होंने कहा है कि देश के ५४३ लोकसभा क्षेत्रों में से ३६२ क्षेत्रों में डाले गए वोटों की संख्या से ५ लाख ५४ हजार ५९८  वोट कम पाए गए हैं, जबकि १७६ लोकसभा क्षेत्रों में ५ लाख ८९ हजार ६५१ वोट अधिक पाए गए हैं ।

३. इस प्रकार ५३८ लोकसभा के मतदान आंकडों में विसंगति है। चुनाव आयोग को इस अंतर पर स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है ।

दैनिक ‘सनातन प्रभात’ ने एक माह पूर्व ही उजागर कर दिया था मतभेद !

दैनिक सनातन प्रभात में २३ जून २०२४ को प्रकाशित समाचार

दैनिक ‘सनातन प्रभात’ ने ‘लोकसभा चुनाव में ‘नोटा’ के प्रयोग के आंकडों में ४ लाख १६ हजार वोटों का अंतर’ का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था । इस रिपोर्ट में केंद्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सूचना दी गई कि कुल ६३ लाख ७२ हजार २२० मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया है। वास्तव में, दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधियों द्वारा जब देश के ३६ राज्यों के आंकड़ों का सत्यापन किया गया तो यह ६७ लाख ८८ हजार ४९२ पाया गया । अर्थात देशभर में नोटा को मिले वोटों में ४ लाख १६ हजार २७७ वोटों का अंतर पाया गया। इसी प्रकार महाराष्ट्र की ४८  लोकसभा सीटों पर २  सहस्त्र ७६५ वोटों का अंतर पाया गया । इसकी सूचना दैनिक ‘सनातन प्रभात’ से राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में दी गयी थी ।

चुनाव आयोग ने वेबसाइट से मिटाया आंकडा !

केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट से लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान के आंकडों को हटा दिया है, विधानसभा चुनाव के आंकडों को यथावत रखा है। चुनाव आयोग द्वारा बिना किसी स्पष्टीकरण दिए मतदान हटा देने से भ्रम और बढ गया।

 जगदीप चोकर की मुलाकात निम्नलिखित लिंक पर देखें !

(सौजन्य : TV9 Bharatvarsh) 

संपादकीय भूमिका 

इससे यह कहने की गुंजाइश बनती है कि चुनावी आंकडों में गडबडी है। इससे उन निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजों में अंतर आ सकता है जहां कोई कम वोटों से जीता है । इस संभावित त्रुटि की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, जिसे इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो कुछ निर्वाचन क्षेत्रों की पुनर्मतगणना करानी चाहिए। केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को इस ओर ध्यान देना जरूरी है !