Jharkhand Bangladeshi Infiltration : बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठियों की जानकारी संग्रहित करने हेतु समिति स्थापित की गई ।
झारखंड उच्च न्यायालय के फटकार लगाने पर झारखंड सरकार जागी !
रांची (झारखंड) – झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात राज्य में संथाल परगना के बांग्लादेशी घुसपैठ का अन्वेषण करने हेतु यहां के साहिबगंज जिले के उपायुक्त ने एक समिति स्थापित की है । इसमें उच्चपदस्थ अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है । संथाल परगना के अन्य जिलों में भी यह समिति स्थापित करने का आदेश न्यायालय ने दिया था । संथाल परगना जिलों की सीमाएं बंगाल से सटकर हैं । बांग्लादेश से घुसपैठिये प्रथम बंगाल में आते हैं तथा वहां से वे झारखंड में फैलते हैं ।
१. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को राज्य में घुसपैठियों को २ सप्ताह में ढूंढ निकालने तथा उनकी पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही की गई है, इसका ब्यौरा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था । उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से अहवाल भी मंगवाया था । इसके अतिरिक्त संथाल परगना के सभी जनपद अधिकारियों को समन्वय कर बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच करने के आदेश उच्च न्यायालय ने दिए थे ।
२. डैनियल दानिश की याचिका पर न्यायालय ने ये आदेश दिए । इस याचिका में कहा था कि बंगाल राज्य से सट कर स्थित संथाल परगना जिलों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन के युवक झारखंड की आदिवासी लडकियों से नियोजनबद्ध पद्धति से विवाह कर उनका धर्मपरिवर्तन कर रहे है । नए मदरसे भी आरंभ हो रहे हैं । संथाल परगना में गोड्डा, देवघर, दुमका, जामतारा, साहिबगंज तथा पाकूर आदि जनपदों का समावेश होता है ।
३. बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या केवल आदिवासी युवतियों के साथ विवाह कर भूमि हडपने तक सीमित नहीं है । उसका संबंध लोकसभा चुनाव से है । अभी-अभी भाजपा के ब्यौरे में ऐसा दिखाई दिया है कि मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में बांग्लादेशियों की २० प्रतिशत से १२३ प्रतिशत तक अनपेक्षित वृद्धि हुई है । १० विधानसभाओं के कुल १ हजार (सहस्र) ४६७ मतदाता केंद्रों में यह वृद्धि हुई है । साधारणत ५ वर्ष में १५ प्रतिशत से १७ प्रतिशत वृद्धि होती है । इसलिए वर्तमान में हुई वृद्धि असाधारण है । हिन्दू जनसंख्यावाले मतदाता केंद्र के मतदाताओं की संख्या केवल ८ प्रतिशत से १० प्रतिशत इतनी बढी है । अनेक केंद्रों में हिन्दू मतदाता अल्प हो गए ।
४. इससे पूर्व मार्च २०२४ ´आज तक´ समाचार वाहिनी के समाचार में कहा था कि बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठिये बंगालमार्ग से यहां आते है । इसके पश्चात वे स्थिर होते हैं । इनमें कुछ लोग आदिवासी लडकियों पर ध्यान रखते हैं। जिस समय उनकी ओर लडकियां आकृष्ट होती हैं, उस समय वे उनसे विवाह करते हैं । विवाह के पश्चात कागज पर लडकियों की पहचान आदिवासी के रूप में रहती है । तत्पश्चात उस लडकी के नाम पर भूमि क्रय की जाती है अथवा उसकी अपनी भूमि हथियाई जाती है । यह सब करने हेतु बांग्लादेश से आनेवाले घुसपैठियों को निधी प्राप्त होता है । आदिवासी के रूप में लडकी की पहचान रखने के पीछे का हेतु सरकारी लाभ प्राप्त करना होता है । इसके अतिरिक्त अनेक स्थानों पर मुसलमानों से विवाह करनेवाली युवतियों ने चुनाव लडा है। यहां घुसपैठ करनेवाले बांग्लादेशी यहां के खान में काम करते हैं । बांग्लादेशी घुसपैठियों के झारखंड में प्रवेश करते ही उन्हें बनावटी परिचयपत्र भी मिलते हैं । यहां पूर्व से ही स्थायी बांग्लादेशी घुसपैठिये इस काममें उनकी सहायता करते हैं ।
संपादकीय भूमिकाकेवल झारखंड में ही नहीं, अपितु पूरे देश में बढे घुसैपैठ मुसलमानों की जानकारी संग्रहित करने हेतु पथक स्थापित करने की आवश्यकता है तथा उनकी जानकारी लेकर उन्हें देश के बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करने चाहिए ! |