Life Imprisonment For Love Jihadist : उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ करने वालों को मिलेगा आजीवन कारावास का दंड !
कानून में संशोधन का विधेयक स्वीकार !
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण निवारण (संशोधन) विधेयक’ विधानसभा में पारित कर दिया । इसमें ‘लव जिहाद’ जैसे अपराधों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है । मूल विधेयक वर्ष 2021 में पारित किया गया था । उस समय अधिकतम 10 वर्ष का दंड तथा 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था । सरकार द्वारा आरंभ किए गए सुधारों से दंड और जुर्माना दोनों बढ़ा दिए गए हैं ।
1. पहले धर्मांतरण और धोखे से विवाह करने पर 1 से 5 वर्ष का कारावास और 15,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान था । अब इस अपराध के लिए 3 से 10 वर्ष की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना होगा ।
2. अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की नाबालिग लड़कियों अथवा महिलाओं के साथ ‘लव जिहाद’ करने पर 2 से 10 वर्ष की कैद तथा 25,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान था । अब इसे बढ़ाकर 5 से 14 वर्ष का दंड और 1 लाख रुपये जुर्माना कर दिया गया है ।
In Uttar Pradesh, those committing 'Love Ji#ad' will face life imprisonment.
A bill amending the law has been approved.
No matter how strict the laws are, it appears that fanatical Mu$l!ms do not stop committing crimes out of fear of the law.
Therefore, it will be necessary to… pic.twitter.com/1h7vYRJMj6
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 30, 2024
3. वर्तमान में, अवैध रूप से सामूहिक धर्मांतरण पर 3 से 10 वर्ष का दंड और 50,000 रुपये का जुर्माना है । इसे अब 7 से 14 वर्ष का कारावास और 1 लाख रुपये जुर्माने में परिवर्तित किया गया है ।
4. यदि कोई जान-माल का भय दिखाएगा, बल प्रयोग करेगा अथवा धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालेगा तो उसे आजीवन कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा ।
5. सरकार के अनुसार अपराध की गंभीरता, महिलाओं की सामाजिक स्थिति और गरिमा तथा अनुसूचित जाति और जनजाति के अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए दंड और जुर्माना बढ़ाने की आवश्यकता है । इसीलिए यह विधेयक लाया जा रहा है । संशोधित विधेयक के अंतर्गत, न्यायालय पीड़ित के चिकित्सा व्यय और पुनर्वास के लिए जुर्माने की राशि निश्चित कर सकेगी ।
विदेशी संस्था से निधि मिलने पर भी कार्रवाई
इस कानून के अंतर्गत अवैध धर्मांतरण के लिए निधि को भी अपराध की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है । यदि किसी विदेशी संस्था अथवा किसी अवैध संस्था से धर्मांतरण के लिए धन प्राप्त होता है, तो संस्था के संचालकों के विरुद्ध इस अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी ।
संपादकीय भूमिका
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