हिन्दू राष्ट्र में ‘स्वभाषाभिमान रखना’ धर्म ही होगा !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘छत्रपति शिवाजी महाराज और वीर सावरकरजी ने भाषाशुद्धि अभियान कार्यान्वित कर हिन्दुओं में स्वभाषाभिमान जागृत किया । स्वभाषाभिमान राष्ट्राभिमान की नींव है । स्वतंत्रता के उपरांत शासकों ने इसकी उपेक्षा की । परिणामस्वरूप हिन्दुओं का स्वभाषाप्रेम सहित राष्ट्र और धर्म प्रेम भी नष्ट होता जा रहा है । शासकों के इस राष्ट्रीय पाप को ईश्वर क्षमा नहीं करेंगे । भावी हिन्दू राष्ट्र में (सनातन धर्म राज्य में) ‘स्वभाषाभिमान रखना’, धर्म ही होगा !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभातʼ नियतकालिक