क्या विज्ञान किसी एक क्षेत्र में भी धर्मशास्त्र से आगे है ? – न्यायप्रणाली
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘सभी क्षेत्रों में ऐसी स्थिति है ।
न्यायप्रणाली
अध्यात्म में उन्नति किए हुए साधक ही केवल व्यक्ति को देखकर उसने अपराध किया है कि नहीं, यह समझ जाते हैं । इसके विपरीत पुलिस, वकील और न्यायाधीश आदि वह समझ नहीं पाते । इसलिए करोडों दावे अनेक वर्षों से प्रलंबित हैं ।ʼ (क्रमश:)
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभातʼ नियतकालिक