हिन्दुओं को स्वरक्षा प्रशिक्षण लेने के साथ ही उपासना भी करनी चाहिए ! – स्वामी साधनानंद महाराज, मुख्य संयोजक, भारत सेवाश्रम संघ (पूर्वोत्तर क्षेत्र)
वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के दूसरे दिन का प्रथम सत्र
विविध राज्यों में हिन्दुओं की दयनीय अवस्था
रामनाथ सभागृह – हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है । हिन्दू धर्म, यह दुर्बलों का नहीं है । हिन्दुओं को प्रभु श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण समान अन्याय के विरोध में लडना चाहिए । उसके लिए स्वरक्षा प्रशिक्षण लेने के साथ ही उपासना भी करनी चाहिए, ऐसा मार्गदर्शन भारत सेवाश्रम संघ (पूर्वोत्तर क्षेत्र) के मुख्य संयोजक स्वामी साधनानंद महाराज ने ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’के दूसरे दिन किया ।
स्वामी साधनानंदजी महाराज ने कहा,
१. हिन्दू धर्मजागृति, मानवी उत्थान का कार्य है । इसलिए हिन्दू धर्म और संस्कृति का अधिकाधिक प्रसार करना चाहिए । हिन्दू धर्म टिका रहेगा, तब ही हम सुरक्षित रहेंगे ।
२. हम सभी धर्मों का आदर करते हैं; परंतु जो हिन्दू धर्म का आदर नहीं करता, उन्हें दंड देना ही पडता है । अन्याय के विरोध में लडना, हमारा कर्तव्य है ।
३. वर्तमान में हिन्दू संगठित नहीं हैं । इसलिए वे असुक्षित हैं । जब हिन्दू संगठित हो जाएंगे, तब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी औेर हिन्दुओं की दुर्गति थमेगी ।
४. भारत सेवाश्रम संघ के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद ने कहा था, ‘हिन्दुओं के सभी देवी-देवताओं के हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं । इसलिए हिन्दुओं को भी दुर्बल न रहते हुए बलशाली होना चाहिए ।’ इसीलिए भारत सेवाश्रम संघ की ओर से हिन्दुओं को स्वरक्षा हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है ।
५. हिन्दुओं पर लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे विविध आघात हो रहे हैं । उसके विरोध में सेवाश्रम संघ वैध मार्ग से लडता है । सेवाश्रम संघ धर्मतरण रोकने के साथ ही धर्मांतरित हुए लोगों को पुन: हिन्दू धर्म में लेने का कार्य करता है । इसके साथ ही निर्धनों के लिए विद्यालय, अस्पताल, छात्रावास (होस्टल) चलाने जैसे विविध कार्य करता है ।