INSTC Corridor : भारत और रूस के बीच के अंतरराष्ट्रीय महामार्ग में रूस पाकिस्तान को समाविष्ट करेगा !
भारत की ओर से विरोध
मॉस्को (रूस) – भारत और रूस के बीच ‘अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण यातायात महामार्ग’ (इंटरनेशनल नॉर्थ-साऊथ ट्रान्सपोर्ट कॉरिडॉर) बनाया जा रहा है । इस परियोजना में रूस ने पाकिस्तान को समाविष्ट करने का निर्णय लिया । रूस में नियुक्त पाकिस्तानी राजदूत खालिद जमाली ने इस समाचार का समर्थन किया ।
१. ७ सहस्र २०० कि.मी. लंबे इस महामार्ग के कारण उत्तर यूरोप, अजरबैजान और ईरान इस मार्ग से भारत और रूस के संपर्क में आनेवाले हैं । इससे समय तथा पैसों की बडी बचत होनेवाली है । इस परियोजना में चीन और पाकिस्तान का ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक महामार्ग’ भी समाविष्ट होनेवाला है । चीन-पाकिस्तान आर्थिक महामार्ग पाकव्याप्त कश्मीर से जाता है । इसीलिए भारत ने इस परियोजना का सार्वजनिक रूप से विरोध किया है ।
२. पाकिस्तानी राजदूत जमाली ने बताया कि पाकिस्तान रूस से १० लाख टन कच्चे तेल की आयात करता है । यह आयात पाकिस्तान जारी रखनेवाला है । नए महामार्ग के कारण पाकिस्तान को नया मार्केट उपलब्ध होगा और साथही रूस और पाकिस्तान के संबंध अधिक अच्छे होंगे ।
Russia invites Pakistan to join INSTC trade Corridor between India and Russia
India opposes the move
It is clear that even though Russia is India's ally, it is deliberately hurting India by including Pakistan in this plan.
Knowing that 'such a country cannot be our friend',… pic.twitter.com/ew15JK3vAE
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 22, 2024
३. विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोनों महामार्ग जुड जाने से भारत की योजना की बडी हानि होनेवाली है, तो पाकिस्तान को बडा लाभ होनेवाला है । पाकिस्तान दोनों महामार्गों का लाभ लेगा और साथही भारत के मित्र रूस से समीप आएगा । इस परियोजना के उपरांत दोनों देशों में निकटता बढनेवाली है ।
४. विशेषज्ञों के कहने के अनुसार, यदि पाकिस्तान भारत-रूस के इस महामार्ग में सहभागी होगा, तो उसे अमेरिका की अप्रसन्नता का सामना करना पडेगा । साथही अफगानिस्तान और ईरान से भी पाकिस्तान का विरोध होगा ।
संपादकीय भूमिकारूस भारत का मित्र देश होते हुए भी वह जानबूझकर पाकिस्तान को इस परियोजना में समाविष्ट कर भारत को आहत कर रहा है, यह स्पष्ट है । ‘ऐसा देश अपना मित्र नहीं हो सकता’, यह समझकर भारत को रूस से व्यवहार करना चाहिए ! |