Anti-Sanatan DMK : छात्रों को अंगूठियों, माथेपर कुमकुम लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा !

  • तमिलनाडु मे तुगलकी रिपोर्ट द्रमुक सरकार को सौंपी गई !

  • भाजपा के साथ-साथ कल्लार जाति के हिन्दुओं का भी कडा विरोध !

(द्रमुक (द्रविड मुनेत्र कळघम्) का अर्थ है द्रविड प्रगति संघ)

सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. चंदू की अध्यक्षता में समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री स्टालिन को सौंपी

चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु में विद्यालयों से कथित जातिवाद का अंत करने के लिए द्रमुक सरकार को एक तुगलकी रिपोर्ट सौंपी गई है। इसके तहत स्कूल परिसर में कलाई बैंड, अंगूठियां या माथे पर गंध जैसे सूत्रों पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की गई थी। २०२३ में राज्य के तिरुनेलवेली में दो दलित भाई-बहनों को कुछ ऊंची जाति के छात्रों ने कथित तौर पर पीटा था। इसका कारण देते हुए सरकारने मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. चंदू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने कुछ समय पूर्व ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री स्टालिन को सौंपी है।

भाजपा ने इस रिपोर्ट का विरोध किया है। प्रदेश के भूतपूर्व भाजपा अध्यक्ष एच. राजा ने अंगूठियों और माथे पर कुमकुम पर प्रतिबंध लगाने की प्रथा पर आपत्ति जताते हुए इन्हें ‘हिन्दू विरोधी’ बताया। दूसरी ओर, कल्लार जाति ने जातिगत उपाधियां हटाने का अनुरोध पर आपत्ति जताई है, जबकि शिक्षकों ने स्थानांतरण के सूत्र का विरोध किया है ।


तुगलकी रिपोर्ट

६१० पन्नों की इस रिपोर्ट में ये हैं अहम अनुरोध !

१. स्कूल के नाम से जातिसूचक शब्द हटाए जाएं।

२. समय-समय पर शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाए।

३. उपस्थिति पंजिका में विद्यार्थियों की जाति नहीं लिखी जानी चाहिए।

४. ६ वी से १२ वी कक्षा तक छात्रो को जातिगत भेदभाव, हिंसा, यौन उत्पीड़न और एस.सी.-एस.टी. (अत्याचार निवारण) कानून अनिवार्य होना चाहिए।

५. प्रशासनिक मोर्चे पर, मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारियों, समूह शिक्षा अधिकारियों और उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों को उन स्थानों पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए जहां उनकी जाति के लोगों की जनसंख्या अधिक हो।

संपादकीय भूमिका

  • ‘सनातन’ को नष्ट करने की बात करने वाली द्रमुक सरकार के तमिलनाडु से ऐसी ही अपेक्षा की जा सकती है । ऐसे रजाकारी शासकों को, जो हिन्दुओं की जड़ों को नष्ट कर रहे हैं,अगले चुनाव में हिंदू संगठन बनाकर प्रति करना चाहिए !
  • जिन प्रगतिशील और नास्तिक ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले विद्यालय के नियमों का कडा विरोध किया, वे अभी एक शब्द भी नही निकालेंगे । यह स्थिति असहिष्णु हिन्दुओं के लिए निंदनीय है !