सुविचार 21 June 2024 03:14:26 बुद्धिवादी अर्थात धर्मद्रोही ! सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी धर्म बुद्धि से परे है । अतः धर्म को बिना समझे बुद्धिवादियों ने धर्म की आलोचना करना धर्मद्रोह ही है । ✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभातʼ नियतकालिक Latest Articles विश्व के विषय में जानने संबंधी विज्ञान और अध्यात्म की क्षमताजातिवाद के कारण हिन्दुओं की अधोगति हो रही है !बुद्धिवादियों के कारण अध्यात्म के विविध अंगों से वंचित रहनेवाले हिन्दू !हिन्दुओं द्वारा धर्म भुलाने का यह है परिणाम !