Mumbai HC Permitted ‘Hamare Barah’ : ‘हमारे बारह’ चलचित्र के प्रदर्शन को मुंबई उच्च न्यायालय की अनुमति !

  • चलचित्र में से आपत्तिजनक संवाद हटाने के निर्देश !

  • अनुमति के बिना विज्ञापन प्रदर्शित करने के कारण निर्माताओं को ५ लाख रुपए का दंड !

मुंबई (महाराष्ट्र) – ‘हमारे बारह’ चलचित्र के निर्माताओं को चलचित्र का निश्चित भाग हटाने के लिए साथ ही कुछ परिवर्तन करने की सहमति देने के उपरांत मुंबई उच्च न्यायालय ने २१ जून को यह चलचित्र प्रदर्शित करने की अनुमति दी । न्यायमूर्ति बी.पी. कुलाबावाला एवं न्यायमूर्ति फिरदोश पुनीवाला के खंडपीठ ने दोनों पक्षकारों को समझदारी से समझौता करने का निर्देश दिया है ।


क्या है चलचित्र के प्रदर्शन के पीछे विवाद ?

‘हमारे बारह’ इस चलचित्र में ‘आइ विल किल यू, अल्ला हू अकबर’ (अल्ला महान है) ऐसा एक संवाद है । उसमें से ‘अल्ला हू अकबर’ उल्लेख छोड देने का निर्देश खंडपीठ ने दिया है, साथ ही चलचित्र के प्रदर्शनपूर्व विज्ञापन सेंसर मंडल की अनुमति के बिना प्रदर्शित करने के प्रकरण में निर्माताओं को ५ लाख रुपए का दंड सुनाया गया है । न्यायालय के निर्देश के उपरांत यह विज्ञापन हटाया गया है ।


‘यह विज्ञापन मुस्लिमों की भावनाएं आहत करनेवाला, साथ ही मुस्लिम महिलाओं का अनादर करनेवाला होने से यह चलचित्र प्रतिबंधित किया जाए’, ऐसी मांग करनेवाली याचिका पुणे के अजहर तांबोळी ने प्रविष्ट की थी । सर्वोच्च न्यायालय ने चलचित्र का प्रदर्शन प्रतिबंधित कर यह विज्ञापन हटाने के निर्देश दिए थे एवं मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधिशों ने ‘चलचित्र देखकर निर्णय लिया जाए’, ऐसा नोट किया था ।

सामाजिक संदेश देनेवाला चलचित्र ! – उच्च न्यायालय

उच्च न्यायालय ने कहा है, ‘हमने यह चलचित्र देखा है तथा इस चलचित्र में विवादग्रस्त ऐसा कुछ भी नहीं है । सामाजिक संदेश देनेवाला यह चलचित्र है । कुछ आपत्तिजनक शब्द एवं दृश्य हटा दिए जाए । चलचित्र देखे बिना आलोचना करना भूल है ।’ ऐसा न्यायालय ने शिकायतकर्ता के अधिवक्ता से कहा है । तथापि इस चलचित्र का विज्ञापन अत्यंत अनुचित एवं विवादग्रस्त है । कुरान के आयतों का अनुचित अर्थ लगाकर महिलाओं पर अन्याय एवं अत्याचार करनेवाले पुरुष का यह चलचित्र है । केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण मंडल (सेंसर बोर्ड) ने हमसे पूर्व ही कुछ परिवर्तन सुझाए है ।