श्रीराम मंदिर के उपरांत अब ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए संगठित प्रयत्न आवश्यक ! – राजन बुणगे, हिन्दू जनजागृति समिति
गोवा में २४ जून से आरंभ होनेवाले ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में सोलापुर (महाराष्ट्र) के हिन्दुत्वनिष्ठ भी सहभागी होंगे
सोलापुर, १८ जून (संवाददाता) – ५०० वर्षों के संघर्ष के उपरांत अयोध्या में निर्मित प्रभु श्रीराम का मंदिर हिन्दू राष्ट्र निर्मिति की दिशा में पहला कदम है। तथापि वर्तमान में हिन्दुओं के सामने विद्यमान समस्याएं सुलझाने के लिए हिन्दुओं की ‘इकोसिस्टम’ (सुनियोजित कार्यप्रणाली) निर्माण कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए संगठित प्रयत्न करना आवश्यक हुआ है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के सोलापुर जिला समन्वयक श्री. राजन बुणगे ने १८ जून को यहां पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में किया। इस समय तुळजापुर पुजारी मंडल के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री. किशोर गंगणे, शिवसेना जिला उपाध्यक्ष श्री. बापू ढगे, ‘अक्कलकोट प्रज्ञापीठ’ के अध्यक्ष श्री. प्रसाद पंडित, भाजपा के भूतपूर्व नगरसेवक श्री. चंद्रकांत रमणशेट्टी, पंचमुखी हनुमान मंदिर के न्यासी तथा उद्योजक श्री. सत्यनारायण गुर्रम और पूर्वभाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष श्री. संजय साळुंखे आदि मान्यवर उपस्थित थे।
श्री. बुणगे ने आगे कहा, ‘‘विश्व स्तर पर विविध देशों में हो रहे युद्ध और अस्थिरता को देखते हुए लगता है कि हिन्दू धर्म ही ‘विश्वबंधुता’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की संकल्पना से सभी समाज को एकत्रित कर सकनेवाला एकमात्र धर्म है। इसीलिए हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य को गति प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बारहवे ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’, अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। यह महोत्सव २४ से ३० जून २०२४ इस कालावधि में ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में संपन्न होनेवाला है। इस अधिवेशन में अमेरिका, इंग्लंड, घाना, नेपाल और बांग्ला देश से हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधी आनेवाले हैं। इसी के साथ भारत के २६ राज्यों से १ सहस्र से अधिक हिन्दू संगठनों के २ सहस्रों से अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। सोलापुर जिले के अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ और हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता इस महोत्सव में उपस्थित रहेंगे।’’
६५ वर्षों में हिन्दुओं की जनसंख्या ८ प्रतिशत से घट गई, तो मुसलमानों की ४३.१५ प्रतिशत से बढ गई !इस चुनाव के समय प्रसारित हुए रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि भारत की स्वतंत्रता के उपरांत वर्ष १९५० से वर्ष २०१५ तक की ६५ वर्षों की कालावधि में हिन्दुओं की जनसंख्या लगभग ८ प्रतिशत से अल्प हुई है। इसकी तुलना में इसी कालावधि में मुसमलमानों की जनसंख्या लगभग ४३.१५ प्रतिशत से बढ गई है। यह वृद्धि अप्राकृतिक कहनी पडेगी; क्योंकि भारत में बांग्ला देशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या बढती जा रही है। उन्हें पासपोर्ट, आधारकार्ड, पैनकार्ड जैसे भारतीय नागरिकत्व के परिचयपत्र बनाकर देनेवालों पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट करना चाहिए और साथही सीएए और एन्.आर्.सी. कानून पूरे भारत में त्वरित लागू करने चाहिए। |