हिन्दुओं की स्थिति अत्यंत दयनीय होने का कारण
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘हिन्दू शब्द की व्याख्या है ‘हीनान् गुणान् दूषयति इति हिंदुः ।’, ‘हीनान् गुणान् अर्थात हीन, कनिष्ठ रज और तम गुणों का ‘दूषयति’ अर्थात नाश करनेवाला ! इस व्याख्या के अनुसार देखें तो हिन्दुओं में केवल 10 प्रतिशत हिन्दू ‘खरे हिन्दू’ हैं । शेष 90 प्रतिशत केवल जन्महिन्दू हैं । इसलिए हिन्दुओं की स्थिति संसार में ही नहीं, अपितु भारत में भी अत्यंत दयनीय हो गई है ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभातʼ नियतकालिक