कश्मीर में आतंकवादियों को सहायता करनेवाले ४ सरकारी कर्मचारी (पदच्युत) अपदस्थ !

५ वर्षों में ५५ सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही !

श्रीनगर – कश्मीर में आतंकवादियों को शस्त्रों की आपूर्ति करने के साथ ही पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था ‘आइ.एस.आइ.’, जैश-ए-मुहम्मद एवं हिजबुल मुजाहिद्दीन नामक आतंकवादी संगठनों की सहायता करने के प्रकरण में नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ४ सरकारी कर्मचारियों को निलंबित किया है । इन में अब्दुल रहमान दार एवं गुलाम रसूल बट नामक २ हवलदार, साथ ही जलशक्ति विभाग के कर्मचारी अनाइतुल्लाह शाह पीरजादा एवं सरकारी शिक्षक शब्बीर अहमद वाणी सम्मिलित हैं । आतंकवादी एवं अलगाववादी गतिविधियों में सहभागी होने के कारण पिछले ५ वर्षों में ५५ सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों को निलंबित किया गया है ।

१. निलंबित किए गए हवलदार,अब्दुल रहमान दार एवं गुलाम रसूल बट दोनों पुलवामा जिले के त्राल निवासी हैं । ये दोनों ही आतंकवादियों को हथियार एवं सुरक्षादल के गणवेश की आपूर्ति करते थे ।

२. कुलगाम निवासी शब्बीर अहमद वाणी प्रतिबंधित ‘जमात-ए-इस्लामी’ का सक्रिय सदस्य है तथा वह शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में नियुक्त था । उसका हिजबुल मुजाहिद्दीन से भी संबंध था । दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ को मजबूत बनाने में उसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । आतंकवादी बुरहान वाणी को मार डालने के पश्चात कुलगाम एवं शोपिया में हुए हिंसक आंदोलनों में उसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । वह विद्यालय के छात्रों को जिहादी भाषण देकर उकसाता था ।

३. बारामुल्ला निवासी अनायतुल्लाह शाह पीरजादा सहायक लाइनमन का काम करता था । वह ‘अल बद्र मुजाहिद्दीन’ नामक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का भूमिगत कार्यकर्ता है ।

संपादकीय भूमिका 

ऐसे लोगों की भर्ती करने वालों एवं उनको इतने दिनों तक पद पर रहने देनेवालों को हमेशा के लिए कारागृह में बंद कर देना चाहिए !